जंगल के पास रुकने के कुछ बेहतरीन ठिकाने…

जंगल के पास रुकने के कुछ बेहतरीन ठिकाने…

सर्दियों की आमद के साथ ही देश के नेशनल पार्कों और टाइगर रिजर्व के दरवाजे पर्यटकों के लिए खुल जाते हैं। जंगल घूमना मेरा भी पसंदीदा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में देश के अलग-अलग नेशनल पार्कों के कई बेहतरीन ठिकानों पर मैं रुका हूं। इस लेख में उनमें से कुछ बेहतर ठिकानों की जानकारी दे रहा हूं। आप अगर जंगल सफारी पर जाने का मन बना रहे हैं तो रुकने की इन जगहों पर एक नज़र डाल सकते हैं। 

1- अहाना रिजॉर्ट ( Aahana Resort)-

यह लग्जरी रिजॉर्ट भारत के बेहद लोकप्रिय जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास बना है। इसकी खासियत है कि यहां लग्ज़री के साथ ही पर्यावरण का भी ध्यान रखा गया है। अहाना लग्जरी ईको रिजॉर्ट है। इस रिजॉर्ट के ठीक पीछे कॉर्बेट के बिजरानी रेंज का जंगल है और दो तरफ खेत हैं। ऐसे में जंगल के बीच  रहने का अहसास होता है। रिजॉर्ट में पहुंचने पर रिजॉर्ट के नेचरलिस्ट ने मुझे बताया कि रात के समय अक्सर हाथियों के झुंड खेतों की तरफ आ जाते हैं और हो सकता है कि आपको कमरे की बालकनी से ही हाथियों के दर्शन हो जाएं। हालांकि मुझे हाथी तो नहीं दिखाई दिए लेकिन बालकनी में बैठकर जंगल को निहारने का मजा ज़रूर लिया।

अगर आप परिंदों को देखने में दिलचस्पी रखते हैं तो यह जगह आपको ज़रूर पसंद आएगी क्योंकि आपको रिजॉर्ट के अंदर ही ढ़ेरों तरह के परिदें दिखाई दे जाएंगे। रिजॉर्ट के नेचुरलिस्ट के साथ आप यहां बर्ड वाचिंग टूर कर सकते हैं। यहां का खाना भी बेहतरीन है। यहां आए तो कुमाऊं का स्थानीय खाना ज़रूर खाएं। 

रिजॉर्ट को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की पूरी कोशिश की गई है। रिजॉर्ट का अपना किचन गार्डन है। रसोई की ज़्यादादर ज़रूरतें इसी से पूरी की जाती हैं। यहां उगाई गई सब्जियां पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं। इसके साथ ही यहां रिजॉर्ट का एसटीपी प्लांट है जहां रिजॉर्ट से निकले गंदे पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ किया जाता है। इस पानी को यहीं बागवानी के काम में लाया जाता है। रिजॉर्ट में दोनों तरफ से खेतों को आपस में जोड़ने के लिए एक रास्ता भी दिया है। जिससे दोनों स्थानीय लोग आसानी से आ जा सकें। लेकिन यह रास्ता जंगली जानवरों के लिए भी कॉरिडोर का काम करता है। यहां से कई बार जंगली जानवर गुजरते हैं।

अहाना की कुमाऊंनी थाली

किराया– करीब 15,000 रुपये प्रति दिन से शुरू

2- सिंगीनावा जंगल लॉज-

यह लग्जरी रिजॉर्ट मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क के पास बना है। जैसा नाम वैसा ही दर्शन। सिंगीनावा जंगल लॉज कहने भर के लिए जंगल लॉज नहीं है बल्कि असल जंगल ही है। कुछ दूर-दूर बने कॉटेजों को एक पल के लिए भुला दें तो वहां ऐसा और कोई निशान नजर नहीं आता जो उस जगह को जंगल ना साबित करता हो। जंगल के बफर ज़ोन से लगा होने के कारण हिरण ही नहीं यहां कई तरह के जंगली जानवर अक्सर दिखाई देते हैं। पता चला कि लॉज में जंगली सूअर और तेंदुए भी अक्सर दिखाई दे जाते हैं।

पढ़ें मेरा ब्लॉग – ‘सिंगीनावा जंगल लॉज – जंगल का असली ठिकाना’  

किराया– करीब 20,000 रुपये प्रतिदिन से शुरू

3- कोहका विल्डरनेस कैंप ( KOHKA WILDERNESS CAMP)-

यह ईको रिजॉर्ट मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क के पास बना है। इस बनाने में ध्यान रखा गया है कि स्थानीय पर्यवारण को कोई नुकसान न पहुंचे। रिजॉर्ट को बनाते समय वहां लगे किसी पेड़ को काटा नहीं गया। कुछ जगहों पर निर्माण को पेड़ के हिसाब से ही आकर दिया गया है। इसे बनाने के लिए स्थानीय तौर पर मिलने वाली बांस जैसी चीज़ों का इस्तेमाल किया गया है। रिजॉर्ट का अपना 7 किलोवॉट का सोलर पावर सिस्टम भी है। तीन एकड़ के इस रिजॉर्ट में काफी पेड़ पौधे हैं और अगर आपको तितलियों और पक्षियों को देखने का शौक है तो यहां आपको बहुत मजा आएगा। इसके पास ही कोहका झील है जहां शाम के सैर के साथ चाय का आनंद लिया जा सकता है। 

किराया– इसकी जानकारी के लिए रिजॉर्ट से संपर्क करें

पढ़ें मेरा ब्लॉग – ‘कोहका विल्डरनेस कैंप ( KOHKA WILDERNESS CAMP) – जंगल में बना शांत कोना’

4- होटल झूमर बावड़ी, रणथम्बोर-

दिल्ली के पास के जंगली इलाकों में रणथम्बोर नेशनल पार्क मेरा पसंदीदा है। इसी पार्क में है राजस्थान टूरिज़्म का हेरिटेज होटल, झूमर बावड़ी। यह इमारत कभी जयपुर महाराजा की शिकारगाह हुआ करती थी। अब इसे होटल बना दिया गया है। यह होटल नेशनल पार्क के बफर ज़ोन में पड़ता है। यह ऐसी जगह है जहां आप होटल की छत पर में बैठे ही जंगली जानवरों का दीदार कर सकते हैं। इसकी लोकेशन इस होटल की सबसे बड़ी खासियत है। यह अकेला ऐसा होटल है जो आपके रणथम्बोर में जंगल के बीच रहने का अनुभव देता है।

झूमर बावड़ी का टाइगर सुईट
टाइगर सुईट

यहां के कर्मचारी भी पर्यटकों का पूरा ध्यान रखते हैं। हालांकि यहां के रखरखाव को बेहतर किए जाने की ज़रूरत है लेकिन फिर भी पर्यटकों को यहां रहने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। इसके साथ ही यहां का खाना भी आपको राजस्थान के स्वाद की याद दिला देगा। आप इसे राजस्थान टूरिज्म की बेवसाइट से बुक सकते हैं। 

किराया– करीब 5400- 7400 रुपये प्रतिदिन

पढ़ें मेरा ब्लॉग- सरकारी होटलों को कैसे करें बुक

6- होटल विनायक-

यह रणथम्बोर में राजस्थान टूरिज़्म का दूसरा होटल है। यह होटल सवाईमाधोपुर शहर से नेशनल पार्क जाने वाली सड़क पर बना है। होटल के पीछे की तरफ जंगल है। मैं काफी साल पहले इस होटल में रुका था। होटल छोटा और साफ-सुथरा है। यहां का खाना भी मुझे बढ़िया लगा था। झूमर बावड़ी से कम बजट के सरकारी होटल में रुकना चाहते हैं तो होटल विनायक बिल्कुल सही रहेगा। जब मैं यहां रुका था तो उस समय रखरखाव को लेकर भी कोई खास समस्या दिखाई नहीं दी थी। 

किराया3000 रुपये प्रतिदिन से शुरू, सर्दियों के मौसम में स्विस टेंट भी उपलब्ध है

7- भरतपुर फॉरेस्ट लॉज –

इस होटल को भी राजस्थान टूरिज़्म चलाता है। यह होटल भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य के अंदर बना है। किसी समय यह लग्ज़री श्रेणी का होटल हुआ करता था जिसे भारत सरकार की भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (आईटीडीसी) चलाया करती थी। उस समय इसे अशोका भरतपुर कहा जाता था।  साइबेरियन सारस का आना बंद होने के कारण भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य की पहचान पर बहुत असर पड़ा जिसका असर इस होटल पर भी आया। अब राजस्थान पर्यटन विकास निगम इसे चला रहा है। इसकी भी सबसे बड़ी खासियत भी यहां की लोकेशन है। होटल की लॉन में बैठे-बैठे ही आप न जाने कितनी तरह के परिदों को देख लेंगे। खाने के मामले में भी मुझे कोई शिकायत नहीं रही हालांकि इसका खाना राजस्थान टूरिज्म के दूसरे होटलों के मुकाबले मुझे कुछ कम अच्छा लगा। इस होटल में रखरखाव को लेकर समस्या दिखाई देती है लेकिन वे समस्याएं इतनी ज़्यादा नहीं कि इतनी बेहतर लोकेशन वाले होटल को छोड़ा जाए।

किराया4000 रुपये प्रतिदिन

पढ़े मेरा ब्लॉग- क्या सरकारी होटल रुकने के लिए हैं बढ़िया विकल्प- जानें क्या हैं इनकी ख़ूबियां और क्या है इनकी कमियां 

7- टूरिस्ट रेस्ट हाउस, बिनसर –

इस रेस्ट हाउस को कुमाऊं मंडल विकास निगम चलाता है। यह उत्तराखंड में बिनसर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में पहाड़ की चोटी पर बना है। अगर उत्तराखंड में घने जंगल के बीच रुकना चाहते हैं तो इससे बेहतर जगह नहीं मिलेगी। यहां आपको रेस्ट हाउस के बाहर ही हिरण घूमते दिखाई दे जाएंगे। इस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में तेंदुए भी हैं। आप यहां से गाइड लेकर जंगल में पैदल नेचर वॉक पर जा सकते हैं। बिनसर से हिमालय की नंदा देवी, त्रिशुल, पंचाचुली, नंदाकोट, मृगधूनी जैसी बर्फीली चोटियों का 300 किलोमीटर लंबा अद्भुत नजारा दिखाई देता है।

रेस्ट हाउस से बर्फीली चोटियों का नज़ारा

आधुनिक सुविधाओं से दूर यहां कुछ दिन बिताने का अनुभव जिंदगी भर नहीं भुलाया जा सकता। बिनसर अल्मोड़ा से करीब 30 किलोमीटर है। सेंचुरी 2-3 हेरिटेज होटल भी हैं जो ब्रिटिश काल में बने बंगलों में चलते हैं। यह सेंचुरी पूरे साल खुली रहती है।

किराया– करीब 3000 रुपये प्रतिदिन से शुरू

ये कुछ जगहें हैं जो मुझे पसंद आईं। अगर आप को भी नेशनल पार्कों के पास का कोई होटल पसंद है तो टिप्पणी में ज़रूर बताएं।

©️duniadekho.in

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