“भारत यूक्रेन-रूस युद्ध में निभा सकता है बड़ी भूमिका”- यूलिया क्लीमेंको (सांसद, यूक्रेन), भुवनेश्वर में आयोजित हुआ Y20 कंसल्टेशन

“भारत यूक्रेन-रूस युद्ध में निभा सकता है बड़ी भूमिका”- यूलिया क्लीमेंको (सांसद, यूक्रेन), भुवनेश्वर में आयोजित हुआ Y20 कंसल्टेशन

यूक्रेन की सांसद यूलिया क्लीमेंको का कहना है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत को विश्व पटल पर अपना पक्ष मुखरता से रखना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध में भारत की भूमिका पर पूछे सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत इस युद्ध में यूक्रेन को मानवीय मदद देने से ज़्यादा बड़ी भूमिका निभा सकता है। यूलिया ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होने के नाते भारत की बात पूरी दुनिया में सुनी जाती है। 

Yuliya Klimenko
Image courtesy- Yuliya / Linkedin

यूलिया उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में जी 20 (G20) कार्यक्रम के तहत आयोजित Y20 कंसल्टेशन में हिस्सा लेने आईं थी। इसका आयोजन भुवनेश्वर के कीट विश्वविद्यालय (KIIT University) ने किया था। उन्होंने पत्रकारों से ख़ास बातचीत में कहा कि यूक्रेन अपने देश की एक-एक इंच ज़मीन वापस लेने के लिए दृढ़ है। उन्होंने कहा कि जब तक रूस यूक्रेन की ज़मीन से बाहर नहीं निकल जाता तब तक रूस के साथ किसी तरह की शांतिवार्ता संभव नहीं है। 

यूलिया ने कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध अब केवल दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं है बल्कि इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। यूक्रेन को दुनिया के अनाज का कटोरा कहा जाता है। यूक्रेन से आना वाला गेहूं एशिया और अफ्रीका के देशों की खाद्य ज़रूरतों को पूरी करने में बड़ी भूमिका निभाता है। लेकिन आज कई देश खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि रूस की नौसेना यूक्रेन के व्यापारिक जहाज़ों को बंदरगाहों से नहीं निकल दे रही। गौरतलब है कि यूक्रेन गेहूं के साथ सूरजमुखी के तेल का भी बड़ा निर्यातक है। यूलिका ने कहा कि दुनिया को अगर आने वाले संकट से निकलना है तो रूस ने यूक्रेन पर जो लड़ाई थोपी है उसे बंद करना होगा।

यूलिया ने कहा कि यूक्रेन भी भारत की तरह ही लोकतांत्रिक देश है, जहां लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं खुद यूक्रेन के विपक्षी दल से हूँ, लेकिन इस लड़ाई में यूक्रेन के सभी दल पूरी तरह राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ खड़े हैं। 

यूक्रेन सहित कई देशों के सांसदों और राजनयिकों ने भुवेश्वर में आयोजित Y20 कंसल्टेशन में हिस्सा लिया। केन्द्र सरकार के युवा और खेल मंत्रालय ने Y20 कंसल्टेशन कार्यक्रम आयोजित करने की ज़िम्मेदारी भुवनेश्वर के  कीट विश्वविद्यालय ( KIIT University ) को सौंपी। 

कीट विश्वविद्यालय के संस्थापक, प्रोफेसर अच्युत सामंत

कीट विश्वविद्यालय के संस्थापक, प्रोफेसर अच्युत सामंत ने कार्यक्रम में कहा, “कीट विश्वविद्यालय को गर्व है कि मंत्रालय ने उन्हें Y20 आयोजित करने के लिए चुना। कीट विश्वविद्यालय को जो भी ज़िम्मेदारी दी जाती है उसे कीट पूरी गंभीरता और समर्पण से निभाता है।”

गौरतलब है कि कीट विश्वविद्याल को G20 से जुड़े चार कार्यक्रम आयोजित करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। 22-23 अप्रेल को कीट विश्वविद्यालय भुवनेश्वर में सिविल20 आयोजित करने जा रहा है। 

क्या है Y20 

Y20 एक एंगेजमेंट ग्रुप है जो G20 के अंतर्गत आता है। Y20 को यूथ20 भी कहा जाता है। Y20 में युवाओं से जुड़े मुद्दों पर बात की जाती है। G20 देशों के प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेते हैं। इसमें भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र हिस्सा ले रहे हैं।

क्या है G20 

G20 या ग्रुप ऑफ 20 आर्थिक सहयोग के लिए बना समूह है। इस समूह का गठन 1999 में किया गया था।  इस समूह में दुनिया के 19 प्रमुख देश और यूरोपिय यूनियन शामिल है। G20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। 

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