Browsed by
Tag: Travel postcard

कडपा

कडपा

कडपा पूर्वी घाट के खूबसूरत पहाड़ों पर बसा है आंध्र प्रदेश का कडपा। नल्लमला और पालकोंडा पहाडों से घिरे कड़पा में हरे-भरे मैदानों से लेकर पहाड़ों तक सब कुछ है। ग्रामीण आंध्र प्रदेश की झलक यहां दिखाई देती है। इस जगह को तिरुपति मंदिर का द्वार कहा जाता है। यहां के दुवनी कडापा मंदिर की बहुत मान्यता है। यहां मस्ज़िद-ए-आज़म 17वीं सदी में बनाई मुगल शैली का मस्ज़िद है जिसे मुगल बादशाह औंरगज़ेब ने बनवाया था। कडपा की अमीन पीर…

Read More Read More

नेल्लोर

नेल्लोर

नेल्लोर पेन्नार नदी के किनारे बसा है आंध्र प्रदेश का ऐतिहासिक शहर नेल्लोर। खूबसूरत मंदिर, झीलें, नदियां और समुद्र तट,नेल्लोर में वह सब कुछ है जो आराम से कुछ दिन बिताने वाले को चाहिए। 600 वर्ष पुराना रंगनाथस्वामी मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है।यहां खारे पानी की पुलीकट झील में तरह-तरह के प्रवासी पक्षी के देखे जा सकते हैं। नेल्लोर के पास नेलापाट्टु पक्षी अभ्यारण्य है जो पेलिकन पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही काडूर और मायपाडु…

Read More Read More

ओंगोले

ओंगोले

ओंगोले ओंगोले का इतिहास ईसा से 230 साल पुराना है। मोर्य और सातवाहन वंशों का यहां शासन रहा। यहां सातवाहन समय के अभिलेख मिले हैं। आंध्रप्रदेश का यह इलाका प्राचीन स्मारकों और प्राकृतिक सुन्दरता का मेल है। शांत वातावरण में कुछ समय बिताना चाहते हैं तो ओंगोले आया जा सकता है। कोथापटनम और वोडरवू दो समुद्री तट ओंगोले के पास ही हैं। यहां के सुन्दर तटों पर रोमांचक समुद्री खेलों का मजा भी लिया जा सकता है। 12वीं शताब्दी में…

Read More Read More

कुर्नूल

कुर्नूल

कुर्नूल प्राचीन स्मारकों, महलों और मंदिरों का घर का हैं आंध्रप्रदेश का कुर्नूल। तुंगभद्रा नदी के किनारे बसे इस ऐतिहासिक कस्बे को 11वीं सदी में बसाया गया था। विजयनगर राजाओं के बनाए किले के अवशेष यहां देखे जा सकते हैं।किले के साथ नदी की बाढ़ को रोकने के लिए बनाई गई दीवार है जिसे इंजिनियरिंग का करिश्मा माना जाता है।नागारेश्वरस्वामी और वेणुगोपालस्वामी यहां के प्रसिद्ध मंदिर हैं। कुर्नूल के पास केटावरम में पाषाण काल की रॉक पेन्टिंग्स हैं जो करीब…

Read More Read More

फतेहगढ़ साहिब

फतेहगढ़ साहिब

फतेहगढ़ साहिब फतेहगढ़ साहिब शहर सिक्ख इतिहास में अहम जगह रखता है । सिक्खों के दसवें गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी के दो पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिंद के सूबेदार ने यहीं जिंदा दीवार में चुनवा दिया था । उनकी शहादत की याद में यहां गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब का निर्माण किया गया । गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब में कई ऐतिहासिक गुरूद्वारे हैं। फतेहगढ़ साहिब के पास ही है संघोल। संघोल एक सिंधु सभ्यता कालीन स्थल है। यहां के…

Read More Read More

बठिंडा

बठिंडा

बठिंडा पंजाब के सबसे पुराने शहरों में एक है बठिंडा। शहर का नाम भट्टी राजपूतों के नाम पर पड़ा। बठिंडा में सबसे लोकप्रिय जगह है यहां का किला जिसे किला मुबारक कहा जाता है। यह किला करीब 2000 साल पुराना है। इसी किले में भारत की पहली महिला सुल्तान रज़िया को कैद करके रखा गया था। बठिंडा के पीर बाबा हाजी रतन की मज़ार की बहुत मान्यता है। गुरू नानक और गुरू गोविंद सिंह दोनों ने ही इस मज़ार पर…

Read More Read More

दमदमा साहिब

दमदमा साहिब

दमदमा साहिब तख्त़ श्री दमदमा साहिब सिक्ख धर्म के पांच तख्‍त़ों में से एक है। भटिंडा के पास तलवंडी साबो में यह स्थित है। गुरू गोविंद सिंह ने मुक्तसर की लड़ाई के बाद यहां कुछ देर आराम किया था इसलिए इस जगह का नाम दमदमा पड़ा। गुरू गोविंद सिंह जी ने इसे सिक्ख शिक्षा के केन्द्र के रूप में विकसित किया और यहीं पर उन्होंने गुरू ग्रंथ साहिब को पूरा किया था। यहां गुरूद्वारे के दर्शन के साथ बुर्ज़ बाबा…

Read More Read More

गुरदासपुर

गुरदासपुर

गुरदासपुर रावी और सतलुज नदियों के बीच बसा है पंजाब का ऐतिहासिक और धार्मिक शहर गुरदासपुर। यहां पाकिस्तान की सीमा पर रावी नदी के किनारे डेरा बाबा नानक है । सिक्खों के प्रथम गुरू, गुरू नानक देव जी यहां रहे थे और उन्होंने उपदेश दिए थे। डेरा बाबा नानक में गुरूद्वारा दरबार साहिब बना है। कलानौर वह जगह है जहां मुगल बादशाह अकबर का राज्याभिषेक किया गया था। हरगोविन्दपुर कस्बे में गुरू की मस्जिद है जो सर्वधर्म सम्भाव की मिसाल…

Read More Read More

कपूरथला

कपूरथला

कपूरथला पंजाब के कपूरथला शहर को सुन्दर इमारतों, सड़कों और बगीचों के लिए जाना जाता है। जैसलमेर के राणा कपूर ने 11वीं शताब्दी में इस शहर की स्थापना की थी। 20वीं सदी की शुरूआत में महाराजा जगजीत के समय यहां बहुत सी इमारतों का निर्माण हुआ। इन इमारतों में फ्रेंच, भारतीय-इस्लामी और सिक्ख स्थापत्य का मेल दिखाई देता है। जगजीत पैलेस इस दौर की बेहतरीन इमारत है। मोरक्को की कुतबिया मस्जिद के आधार पर बनी मूरिश मस्जिद और पंज मंदिर…

Read More Read More

पटियाला

पटियाला

पटियाला पंजाब की एक प्रमुख रियासत थी पटियाला। यह शहर कला और स्थापत्य का बढ़ावा देने के लिए जाना जाता था। यहां की इमारतों में भारतीय, इस्लामी और यूरोपीय शैली का मेल दिखाई देता है। किला मुबारक यहां का सबसे पुराने किला है। इसी के चारों तरफ पटियाला शहर का विकास हुआ। किला मुबारक के दरबार हॉल में एक संग्रहालय भी बना है जिसमें हथियारों का बेहतरीन संग्रह रखा गया है। यहां शीश महल में एक और संग्रहालय है जहां…

Read More Read More