Browsed by
Tag: Travel postcard

बस्तर Bastar

बस्तर Bastar

Travel Postcard छत्तीसगढ़ का आदिवासी बहुल जिला है बस्तर। घने जंगल, जानवर, पहाड़, नदियां, झरने, गुफाएं, प्राचीन मंदिर ,महल और आदिवासी संस्कृति, बस्तर में वह सब कुछ है जो अनछुई जगहों की तलाश में निकलने वाले को चाहिए। बस्तर में आदिवासी कला के विविध रूप देखने को मिलते हैं। यहां की पीतल और कांसे की ढलाई से बनी मूर्तियां बहुत प्रसिद्ध है । इस कला को डोकरा कहा जाता है। बस्तर का दशहरा उत्सव अनूठा है जो 75 दिनों तक…

Read More Read More

कुटुमसर गुफा Kutumsar cave

कुटुमसर गुफा Kutumsar cave

Travel Postcard कुटुमसर गुफा चूना पत्थर से बनी कुटुमसर गुफा को देखकर प्रकृति की शक्ति का अहसास होता है। ये गुफा जमीन से करीब 35 मीटर नीचे है। गुफा के नीचे जाने पर रोमांच का अनुभव होता है। पानी के लगातार कटाव से चूना पत्थर के पहाडों में इन गुफाओं का निर्माण हुआ। पानी के टपकने से गुफा में बहुत सी प्राकृतिक आकृतियां बनी दिखाई देती है। गुफा के अंदर बने पानी के तालाबों में एक विशेष तरह की मछली…

Read More Read More

चित्रकोट जलप्रपात Chitrakote Waterfall

चित्रकोट जलप्रपात Chitrakote Waterfall

Travel Postcard चित्रकोट जलप्रपात भारत में बहुत सी अनोखी चीजें छिपी हैं। उन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ का चित्रकोट जलप्रपात। इसे ‘भारत का नियाग्रा’ भी कहा जाता है। पूरे जोश के साथ गिरती इंद्रावती नदी इस जलप्रपात को बनाती है। घोडे के नाल की आकार का यह झरना करीब पौन किलोमीटर चौडा और 90 फुट ऊंचा है। बरसात के मौसम में वेग से गिरते पानी का रूप देखने लायक होता है। यह बस्तर इलाके का प्रमुख आकर्षण है। चित्रकोट…

Read More Read More

भोरमदेव मंदिर Bhoramdeo temple

भोरमदेव मंदिर Bhoramdeo temple

Travel Postcard भोरमदेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे ‘छत्तीसगढ का खजुराहो’ भी कहते हैं। पहाड़ियों और जंगलों से घिरा यह मंदिर प्राचीन वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। मंदिर की बाहरी दिवारों पर कामरत मूर्तियां बनी हैं। मंदिर को बारीक नक्काशी और मूर्तियों से सजाया गया है। कहा जाता है कि इस मंदिर को 10वीं सदी में नागवंशी राजा रामचंद्र ने बनवाया था। भोरमदेव मंदिर में उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर और खजुराहो मंदिरों की झलक दिखाई देती है।…

Read More Read More

सिरपुर Sirpur

सिरपुर Sirpur

Travel postcard छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 84 किलोमीटर दूर है ऐतिहासिक सिरपुर। यहां का सातवीं सदी में बना लक्ष्मण मंदिर प्रसिद्ध है। यह मंदिर ईंटों से बना है। मंदिर की दीवारों पर देवी, देवताओं की आकृतियां और जीवन से जुडी चीजें उकेरी गई हैं। सिरपुर बौद्ध धर्म का भी बड़ा केन्द्र था। यहां से बौद्ध विहार के अवशेष मिले हैं। ये विहार नालंदा से भी पुराना है। चीनी यात्री ह्वेनसांग भी सिरपुर आया था। महानदी के किनारे बसे…

Read More Read More

पावापुरी pawapuri

पावापुरी pawapuri

Travel Postcard 24वें जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी ने कार्तिक अमावस्या की रात को पावापुरी में ही निर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए जैन धर्म में पावापुरी का अहम स्थान है। महावीर स्वामी के अंतिम संस्कार की जगह पर खूबसूरत जलमंदिर का निर्माण किया गया। जलमंदिर एक जैन मंदिर है। पावापुरी, अपापुरी के नाम से भी प्रसिद्ध है क्योंकि यह जगह शुद्ध और पाप से मुक्त मानी गई है। महात्मा बुद्ध के भी पावापुरी आने का उल्लेख मिलता है। पावापुरी बिहार की…

Read More Read More

राजगीर Rajgir

राजगीर Rajgir

Travel Postcard पहाड़ियों और जंगलों से घिरा राजगीर एक ऐतिहासिक और धार्मिक जगह है। यह हिन्दु, बौद्ध और जैन तीनों धर्मों के लिए पवित्र स्थान है। महावीर स्वामी ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला प्रवचन राजगीर में ही दिया था। महात्मा बुद्ध ने यहां काफी समय बिताया। पहली बौद्ध संगीति राजगीर में ही आयोजित की गई थी। राजगीर जरासंध की राजधानी थी और पांडवों के साथ यहीं जरासंध का युद्ध हुआ था। यहां का मलमास मेला प्रसिद्ध है। राजगीर…

Read More Read More

नालंदा NALANDA

नालंदा NALANDA

Travel postcard नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत में नालंदा दुनिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय था। 5वीं सदी में बने इस विश्वविद्यालय में दस हजार छात्र और दो हजार शिक्षक रहा करते थे। दुनिया भर के छात्र यहां दर्शन, तर्क, गणित, खगोलविज्ञान,चिकित्सा, व्याकरण और धर्मशास्त्र जैसे विषयों की शिक्षा लेने आते थे। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी यहां शिक्षा ली थी। 12वीं सदी में मुस्लिम हमलावर बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट कर दिया। इसके अवशेषों को देखकर उस वक्त की…

Read More Read More

बोधगया Bodhgaya

बोधगया Bodhgaya

#Travel postcard बोधगया बिहार के बोधगया में महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसलिए पूरी दुनिया के बौद्ध उपासकों के लिए यह जगह बेहद पवित्र है। जिस पीपल के पेड़ के नीचे उन्हें ज्ञान मिला था उसे बोधिवृक्ष कहा जाता है। यहां बने महाबोधि मंदिर को वर्ष 2002 में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया था। बोधगया में बौद्ध धर्म को मामने वाले दूसरे देशों के बहुत से मठ बने हैं जिससे इस शहर…

Read More Read More

गया GAYA

गया GAYA

Travel postcard गया बिहार का गया शहर हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह शहर फल्गू नदी के किनारे बसा है। गया में पिंड दान करने का बहुत महत्व माना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां पिंड दान करने आते हैं। यहां विष्णुपद मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। प्राचीन ग्रंथों में गया के महत्व के बारे में काफी कुछ लिखा गया है।