गढ़वाली मिठाई- सिंगोरी

गढ़वाली मिठाई- सिंगोरी

नई जगहों पर घूमने फिरने का ही एक हिस्सा है हर जगह के खाने पीने का मजा उठाना। मैं जिस जगह भी जाता हूं वहां के अलग तरह के खाने को जरुर खाता हूं। मेरी श्रीनगर यात्रा में मैंने खाई गढवाली मिठाई सिंगोरी। ये एक तरह का पेडा होता है जिसे मावे से बनाया जाता है। फोटो में आप जो पान जैसी मिठाई देख रहे हैं वही है सिंगोरी। दरअसल इस मिठाई की खासियत ये है कि इसे सिंगोरी के…

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देवप्रयाग

देवप्रयाग

देवप्रयाग हरिद्वार-बद्रीनाथ के रास्ते में आता है। इस पूरे रास्ते में पडने वाले पांच प्रयागों में से पहला देवप्रयाग ही है। यहीं पर भागीरथी और अलकनंदा का संगम होता है। जिसके बाद नदी को नया नाम गंगा मिलता है। भागीरथी नदी गंगोत्री से आती है। माना जाता है कि गंगोत्री से ही गंगा निकलती है। अलकनंदा नदी चार धामों में से एक बद्रीनाथ नाथ के पास से निकलती है। अब टिहरी में भागीरथी पर बांध बना दिया गया है। बांध…

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श्रीनगर- गढवाल

श्रीनगर- गढवाल

इस बार में लिख रहा हूं अपनी श्रीनगर यात्रा के बारे में। ये वो नहीं जिस के बारे में आप सब सोच रहें हैं। ये श्रीनगर उत्तराखंड में है। अपने काम से दो दिन की छुट्टी ले कर में पहुंचा श्रीनगर अपने एक दोस्त के पास। श्रीनगर हरिद्वार से लगभग १३० किलोमीटर दूर है। ये छोटा सा कस्बा हरिद्वार से बद्रीनाथ जाने वाले रास्ते पर है। अलकनंदा नदी के किनारे बसा है श्रीनगर। मैं दिल्ली से बस पकड़ कर पहूंचा…

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नैनीताल का सफ़र-(२)

नैनीताल का सफ़र-(२)

स्नो व्यू से नीचे उतरते ही सामने नजर आती है माल रोड़। मल्लीताल और तल्लीताल को जोड़ती ये सडक हर वक्त पर्यटकों से भरी होती है। लगभग हर हिल स्टेशन पर माल रोड होती है। गोरे साहब इस पर घूमा करते थे, उस समय तो भारतीयों को इस पर आने की इजा़जत भी नहीं थी। लेकिन नैनीताल की ये सड़क दूसरी जगहों की माल रोड से अलग है क्योंकि इसके एक ओर नैनी झील है,जो इस पर घूमने के आनंद…

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नैनीताल-झील का जादू

नैनीताल-झील का जादू

नैनीताल को हम झील का शहर भी कह सकते हैं। नैनीताल भारत के सबसे सुन्दर हिल स्टेशनों में से है। १९३९ मीटर की उंचाई पर बसे नैनीताल को एक अंग्रेज पी बैरन ने १८३९ में खोजा था। नैनीताल से मेरा जुडाव बचपन से ही है। अब तो मुझे खुद भी याद नहीं कि कितनी बार मैं इस मनोरम दुनिया में आ चुका हूं। लेकिन फिर भी मैं यहां जब भी आता हूं मुझे एक नया सा एहसास होता है। शायद…

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रानीखेत

रानीखेत

रानीखेत की खूबसूरती स्वर्ग से कम नहीं है।रानीखेत उत्तरांचल के सबसे मशहूर हिल स्टेशन में से है।इसलिए यहां आने से पहले मैं सोच रहा था कि ये भी नैनीताल और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों की तरह पर्यटकों की भीड से भरा होगा। लेकिन यहां आकर मेरी सोच गलत साबित हुई। आज भी इसने अंग्रेजों के जमाने की अपनी खूबसूरती को बना रखा है। पर्यटकों की भीड़ भी यहां दिखाई नहीं देती। इस पहाडी जगह को अंग्रजों ने १८६९ में बसाया…

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कौसानी

कौसानी

कौसानी १८९० मीटर की उंचाई पर एक खुबसूरत हिल स्टेशन है। प्रकृति की गोद में बसा शांत कस्बा। महात्मा गांधी इस जगह की खूबसूरती से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने यहां दो हफ्ते यहां बिताये थे। जबकि वो यहां सिर्फ दो दिन के लिए ही रहने आये थे। इसे देखकर महात्मा गांधी ने कहा था कि जब हमारे यहां कौसानी और कुमायुं के पहाड़ हैं तो लोग स्विटजरलैंड़ क्यों जाते हैं। ये हिल स्टेशन चींड के जंगलों से घिरा है।…

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