विश्व पर्यटन दिवस पर बात टूरिस्ट गाइड्स की जो हमारे घूमने के अनुभव को देते हैं नया नज़रिया

विश्व पर्यटन दिवस पर बात टूरिस्ट गाइड्स की जो हमारे घूमने के अनुभव को देते हैं नया नज़रिया

हम नई-नई जगहों पर घूमने जाते हैं। हम उन जगहों की इमारतों, किलों, महलों, बाज़ारों, खाने-पीने या प्राकृतिक सुन्दरता की बातें करते हैं। इस सबसे जुड़ी तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया पर डालते हैं। लेकिन घूमने से जुड़े अनुभव को बेहतर बनाने वाले एक पेशे के बारे में हम न के बराबर चर्चा करते हैं और वह है टूरिस्ट गाइड।

टूरिस्ट गाइड को आपको नई जगहें दिखाता है, उनके बारे में जानकरी देता है, हमारे अनुभव में नए पहलुओं को जोड़ता है लेकिन ट्रैवल पर लिखी जाने वाली कहानियों में उसका किरदार ज्यादा दिखाई नहीं देता है। 

पिछले कुछ वर्षों में देश और दुनिया के अपने सफ़र के दौरान मैंने इस बात को महसूस किया कि अगर मैं बिना टूरिस्ट गाइड के उस जगह को देखता तो क्या उस जगह को सही से जान पाता या किस तरह के अनुभवों को अपने साथ ले जा पाता। जवाब यही सामने आया कि वाकई अगर अच्छा गाइड साथ हो तो आप जगहों को नए नज़रिए से देख पाते हैं उसे ज्यादा यादगार बना पाते हैं। 

लॉकडाउन से पहले मैं आगरा के ट्रिप पर गया था। वहां आगरा में गाइड प्रदीप शर्मा से मुलाकात हुई थी। मैंने इस लेख को लिखने से पहले उनसे बात की और पूछा की आप पर्यटन को बढ़ाने में गाइड का कितना योगदान मानते हैं। 

उन्होंने कहा, “टूरिस्ट गाइड पर्यटन की नींव है या इसे पर्यटन की रीढ़ भी कह सकते हैं। गाइड न केवल लोगों को जगहों के बारे में जानकारी देते हैं बल्कि पर्यटन के दूत की तरह भी काम करते हैं।” एक ट्रैवल राइटर के तौर पर में प्रदीप की बात से पूरी तरह सहमत हूं। 

पिछले साल नवंबर के महीने में मुझे इंडोनेशिया के बाली, लोम्बोक और उसके बाद मलेशिया के सफ़र पर जाना था। दोनों ही सफर उन देशों के पर्यटन विभाग की तरफ से आयोजित किए गए थे।

इंडोनेशिया के सफ़र में बाली में एक दिन बिता कर हमारा ग्रुप लोम्बोक पहुंचा। लोम्बोक भी बाली की तरह ही ख़बूसूरत द्वीप है जिसे अपने शानदार समुद्री तटों के लिए जाना जाता है। 

लोम्बोक हवाई अड्डे से बाहर आते ही चेहरे पर मुस्कान के साथ हमारे टूरिस्ट गाइड उजी (UJI)  ने हमारा स्वागत किया। गाड़ी में बैठते हमें खाने के लिए स्थानीय नाश्ता दिया गया। हम उसे खाएं उसके पहले उजी में खाने के डिब्बे में रख एक-एक चीज की जानकारी दी। बताया कि उन्हें कैसे बनाया जाता है कब बनाया जाता है।

उजी के साथ लोम्बोक में

हमारे ग्रुप में भारत से काफी ट्रैवल राइटर शामिल थे।अगले दिन उजी ने मुझसे कहा कि उन्हें भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण का खेल याद है। मैंने पूछा कैसे तो उन्होंने कहा कि प्रकाश पादुकोण ने इंडोनेशिया के लिएम स्वी किंग को हराकर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीती थी। इसलिए वे प्रकाश पादुकोण को नहीं भूल सकते। 

प्रकाश पादुकोण ने 23 मार्च 1980 के दिन ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीती थी और इस घटना के चालीस साल बाद भी इंडोनेशिया के छोटे से द्वीप लोम्बोक के एक गाइड को को वह घटना याद थी। किसी भारतीय खिलाड़ी से जुड़े इतिहास को मेरे साथ साझा करके उजी ने तुरंत एक जुड़ाव बना लिया। यही जुड़ाव गाइड को खास बना देता है। ऊजी इस काम में पूरी तरह माहिर थे। उसके बाद अगले 3 दिन उजी से लोम्बोक से जुड़ी ढ़ेरों बातें जानने को मिली। अगर उजी साथ न होते तो शायद में लोम्बोक के बारे में उतना नहीं जान पाता। 

इंडोनेशिया के बाद मैं मलेशिया पहुंचा और मलेशिया में हमारे ग्रुप के साथ गाइड के रूप में थे पॉल। पॉल काफी सीनियर गाइड हैं। मलेशिया में एक हफ्ते के दौरान मलेशिया के इतिहास, राजनीति और संस्कृति के बारे में पॉल से काफी कुछ जानने को मिला। 

पॉल मलक्का में कुछ समझाते हुए

पॉल ने मुझसे बातचीत करते हुए बताया कि उन्हें ऐसे पर्यटक अच्छे नहीं लगते जो उनसे सवाल न करते हों। पॉल के कहा कि उन्हें अच्छा लगता है कि जब पर्यटक घूमने की आम जगहों और खाने-पीने की जगहों के अलावा उनके देश को जानने समझने वाले सवाल करते हैं। उन्हें सवालों का जवाब देना अच्छा लगता है। पॉल जैसे गाइड साथ हों तो कोशिश करें कि जगह के बारे में जितना हो सके जानकारी लें।

तीन साल पहले मैं केरल पर्यटन विभाग के केरल ब्लॉग एक्सप्रेस में हिस्सा लेने के लिए केरल गया था। पर्यटन विभाग की तरफ से  केरल का 15 दिन का सफर रखा गया था। इस सफर में केरल के बेहद अनुभवी गाइड मनोज वासुदेवन हमारे साथ थे। 15 दिन बाद केरल से जुड़ी शायद ही कोई बात बची होगी तो उन्होंने साझा न की हो।

मैं पेशे से पत्रकार हूं और पत्रकारों के लिए कहा जाता है कि Jack of all trades and master of none, मतलब कि आपको किसी एक विषय में विशेषज्ञ नहीं बनना है बल्कि सभी विषयों के बारे में कुछ-कुछ जानकारी होनी चाहिए। ट्रैवल गाइड को देखकर भी मुझे यही लगता है। गाइड को एक ही टाइम में राजनीति विशेषज्ञ, समाजशास्त्री, फूड एक्सपर्ट, इतिहासकार, टूर मैनेजर, दुभाषिया, सब कुछ बनना होता है। घूमने वालों के हर तरह के सवालों के जवाब देने के लिए उन्हें तैयार रहना होता है। मैंने देखा है कि वे पूरी कोशिश करते हैं कि सवालों का जवाब दिया जाए।

अच्छे गाइड की तलाश कैसे करें 

सवाल यह है कि भारत में अगर घूमना हो तो अच्छा टूरिस्ट गाइड कैसे मिले? इस बात पर प्रदीप ने कहा कि केन्द्र सरकार के पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर उनके अधिकृत गाइड्स के बारे में जानकारी ली जा सकती है। इसी तरह राज्य सरकार के पर्यटन विभाग भी अपने अधिकृत गाइड रखते हैं।

हालांकि मैंने केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट को खंगाला तो ट्रैवल गाइड्स की जानकारी देने वाली सूची खाली मिली। फिर भी उस लिंक को यहां दे रहा हूं हो सकता है कि देर-सवेर सरकार इसे अपडेट कर दे। जो जानकारी मोट अक्षरों में वेबसाइट के सबसे ऊपरी पेज पर होनी चाहिए उसे तलाशने के लिए आपको दिमाग लगाना होगा। पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट का लिंक – टूरिस्ट गाइड की जानकारी , जिस पर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

इससे अलावा दूसरी ज़रिया है टूरिस्ट गाइड्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Tourist Guides’ Federation of India) की वेबसाइट। इस वेबसाइट पर कुछ ही जगहों के गाइड्स की सूची दी गई है। लेकिन फिर भी इसका सहारा लिया जा सकता है। इसका लिंक है… टूरिस्ट गाइड्स फेडरेशन ऑफ इंडिया

आप जहां घूमने जा रहे वहां होटल या पर्यटन विभाग के ऑफिस की मदद से भी सही गाइड की तलाश कर सकते हैं। 

देश के बाहर जा रहे हैं तो इंटरनेट पर तलाश करें या उस देश के पर्यटन विभाग से पता करें आपको ट्रैवल गाइड्स या गाइडेड टूर से जुड़ी कुछ न कुछ जानकारी मिल ही जाएगी। 

टूरिस्ट गाइड की फीस 

हमें अक्सर लगता है कि गाइड को लेना मंहगा होगा। लेकिन ऐसा है नहीं, अगर आप अपने घूमने के कुल खर्च को देखेंगे तो गाइड की फीस उसका बहुत छोटा हिस्सा होगी और उस कीमत में आपको नई जानकारियां भी मिलेंगी जो बिना गाइड के आप नहीं ले पाएंगे। वैसे भी ज़रूरी नहीं कि आप हर दिन गाइड के साथ घूमें। एक ही दिन के ट्रिप में आप काफी ज़रूरी जानकारियां ले सकते हैं।

वर्तमान में भारत में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के अधिकृत गाइड्स की फीस पूरे दिन के लिए 2200 रुपये और आधे दिन के लिए 1800 रुपये निर्धारित है। यह फीस पूरे देश में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के अधिकृत गाइड्स पर लागू होती है। इस कीमत में अधिकतम 5 पर्यटक एक ग्रुप में शामिल हो सकते हैं । पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर फीस बढ़ जाएगी । राज्यों के पर्यटक विभागों से जुड़े गाइड्स की फीस भी कमोबेश यही रहती है। 

हां विदेश जा रहे तो ध्यान रखें कि उस देश के स्तर के हिसाब से फीस देनी होगी। किसी विकसित देश में यह काफी ज्यादा हो सकती है वहीं विकासशील देश में आप कम फीस देकर गाइड ले पाएंगे। 

कैसे करें कम ख़र्च में गाइडेड टूर

अगर आप कम ख़र्च में गाइडेड टूर करना चाहते हैं तो नीचे बताई कुछ बातों को ध्यान में रख सकते हैं। 

1- वॉकिंग टूर –

देश और दुनिया के बहुत से शहरों में वॉकिंग टूर आयोजित किए जाते हैं। ये टूर शहर की ऐतिहासिक इमारतों, खान-पान या उस जगह की किसी दूसरी विशेषता से जुड़े हो सकते हैं। इस तरह के टूर कुछ घंटो के लिए होते हैं और इनमें आपको कम खर्च में जगह की बढ़िया जानकारी मिल जाती है। जैसे दिल्ली में इंटक ( INTACH) लगातार इस तरह के टूर आयोजित करता है। मैंने दिल्ली में इंटेक के साथ कई हिस्ट्री टूर किए हैं। इसी तरह दूसरे जगहों पर भी टूर की तलाश की जा सकती है। कुछ होटल भी फ्री वॉकिंग टूर करवाते हैं। मैंने बाली में उबुड के मैरियल होटल में पास के गांव का दो घंटे का फ्री वॉकिंग टूर लिया था।

2- फ्री वॉकिंग टूर –

दुनिया में कई जगहों पर एनजीओ या अपने शहर को खासियतों को सामने लाने का जुनून रखने वाले लोग फ्री- वॉकिंग टूर  आयोजित करते हैं। गूगल पर इस तरह के टूर की खोज की जा सकती है। कई बार टूर करने वाले एनजीओ या संस्था चाहती है कि आप उन्हें अपने मन से कुछ पैसा दें जिससे उनका काम आगे बढ़े। आप चाहें तो इस तरह के टूर में गाइड को टिप भी दे सकते हैं।

3- ग्रुप टूर –

बहुत सी जगहों पर पर्यटन विभाग या निजी कंपनियां पूरे दिन के ग्रुप टूर आयोजित करती हैं। ग्रुप टूर के कारण ये सस्ते पड़ते हैं और साथ में गाइड की सुविधा भी मिल जाती है। मैं ख़ुद इस तरह से टूर कम पंसद करता हूं क्योंकि इनमें अपनी इच्छा से घूमना संभव नहीं हो पाता। फिर भी अगर आप कम बजट में गाइडेड टूर चाहते हैं तो ग्रुप टूर अच्छा विकल्प हैं। 

4- म्यूजियम टूर –

बहुत सी जगहों पर म्यूजियम, किलों और महलों में गाइडेड टूर करवाए जाते हैं। कई बार गाइड की फीस म्यूजियम की टिकट में ही शामिल होती है। अगर गाइड की फीस शामिल नहीं तो आप अलग से गाइडेड टूर ले सकते हैं। इस तरह के टूर किसी जगह या जिस विषय से म्यूजियम जुड़ा है उसके बारे में जानकारी लेने का अच्छा ज़रिया होते हैं। 

तो अगली बार आप कहीं घूमने जाएं तो एक बार ट्रैवल गाइड के साथ टूर करके देखें। अगर आपको कोई बढ़िया गाइड मिला तो यह बात पक्की है कि आपके घूमने का अनुभव बदल जाएगा। 

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