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Tag: Travel postcard

लोकटक झील Loktak lake

लोकटक झील Loktak lake

Travel Postcard लोकटक झील मणिपुर की इस अनोखी झील को तैरती झील के नाम से जाना जाता है। इस झील में उगने वाली एक खास तरह की घास से झील के अंदर तैरते द्वीप बनते हैं । इन द्वीपों पर स्थानीय लोग झोपड़ी बना कर रहते भी हैं। इन द्वीपों से ही लोकटक को तैरती झील का नाम मिला है। इसके साथ ही झील में तैरता राष्ट्रीय उद्यान भी हैं जहां दुर्लभ प्रजाति का हिरण संगई पाया जाता है। लोकटक…

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तवांग Tawang

तवांग Tawang

Travel Postcard तवांग भारत के पूर्वी राज्य अरूणाचल प्रदेश का खूबसूरत कस्बा है तवांग। 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसा तवांग अपनी खूबसूरती के कारण दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचता है। 17 वीं सदी में बना तवांग बौद्ध मठ यहां का सबसे बडा आकर्षण है । यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। तवांग की सीमा चीन से लगती है। तवांग से 37 किलोमीटर दूर भारत-चीना की सीमा पर बूमला दर्रे को देखने जाया जा सकता…

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काजीरंगा नेशनल पार्क Kaziranga National Park

काजीरंगा नेशनल पार्क Kaziranga National Park

Travel postcard काजीरंगा नेशनल पार्क एक सींग वाले भारतीय गैंडे का सबसे बड़ा घर है आसाम का काजीरंगा नेशनल पार्क। गैंडें के संरक्षण में काजीरंगा ने एक मिसाल कायम की है। यहां बाघों की भी बडी आबादी रहती है। इसी कारण 2006 में इसे बाघ अभ्यारण्य भी घोषित किया गया। इसके साथ ही यहां बड़ी संख्या में पक्षियों की बहुत सी प्रजातियां भी पाई जाती हैं। यह पार्क 430 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है। इसे यूनेस्को की…

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उनाकोटी Unakoti

उनाकोटी Unakoti

Travel Postcard उनाकोटी त्रिपुरा का उनाकोटी पहाडों के पत्थरों में तराशी गई विशाल देव मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पहाड के पत्थरों में भगवान शिव, गणेश और दूसरे देवी देवताओं को उकेरा गया हैं। जंगल के बीच इस मूर्तियों को किसने बनाया इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं है।लेकिन जंगल में बनी ये मूर्तियां आपको आश्चर्यचकित कर देती हैं। माना जाता है कि 8वीं से 9वीं सदी के बीच उनाकोटी शैवमत का प्रमुख धार्मिक स्थल था।

अगरतला Agartala

अगरतला Agartala

Travel Postcard अगरतला त्रिपुरा की राजधानी अगरतला उत्तर-पूर्व का दूसरा बडा शहर है। अगरतला प्राकृतिक सुन्दरता, जंगल और झीलों के साथ ऐतिहासिक इमारतों और प्राचीन मंदिरों का शहर भी है। यह शहर बांग्लादेश की सीमा से महज 2 किलोमीटर दूर है। उज्जयतां महल यहां की प्रमुख ऐतिहासिक इमारत है । महल को अब विधानसभा भवन के रूप में काम लिया जाता है। 19वीं सदी में बने जगन्नाथ मंदिर को अनूठी वास्तुशिल्प शैली के लिए जाना जाता है। इसके अलावा शहर…

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चेरापूंजी Cherrapunji

चेरापूंजी Cherrapunji

Travel postcard सोहरा या चेरापूंजी चेरापूंजी को अब सोहरा के नाम से जाना जाता है। मेघालय का चेरापूंजी किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दुनिया में यह सबसे ज्यादा वर्षा वाली जगह के रूप में प्रसिद्ध है। हालांकि अब सबसे ज्यादा वर्षा इसके पास के गांव मौसिनराम में होती है। वर्षा के मौसम में चेरापूंजी का असली सौन्दर्य दिखाई देता है। उस समय इसकी छोटी- छोटी पहाडियां हरी घास से ढक जाती हैं और जगह- जगह से पहाड़ी झरने फूट…

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शिलाोंग Shillong

शिलाोंग Shillong

Travel Postcard शिलोंग पहाडियों पर बसा छोटा सा सुन्दर शहर है शिलोंग। अपनी खुबसूरती के कारण मेघालय की राजधानी शिलोंग को पूरब का स्काटलैंड भी कहा जाता है। करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस शहर का मौसम पूरे साल सुहावना बना रहता है। शिलोंग में अंग्रेजी दौर की खूबसरत इमारतें देखने के लायक हैं। शहर बहुत ही साफ सुथरा है और यहां चलने वाली मारूति 800 टैक्सी शहर की पहचान हैं। इसके आप पास देखने के लिए कई…

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युकसोम Yuksom

युकसोम Yuksom

Travel Postcard युकसोम ट्रेकिंग के शौकिनों के लिए पश्चिम सिक्किम में बसा युकसोम स्वर्ग से कम नहीं है। यहां से कई छोटे और बडे ट्रेक किए जा सकते हैं। बहुत ज्यादा ऊंचाई पर नहीं होने के कारण यहां का मौसम भी पूरे साल सुहावना बना रहता है। युकसोम सिक्किम की प्राचीन राजधानी है। यहीं पर सिक्कम का पहला राजा चुना गया था। युकसोम का डुबडी, करटोक और ताशिदिंग मठ देखने लायक हैं। अनछुए जंगलों को देखना चाहते हैं तो 13…

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गुरूडोंगमर झील Gurudongmar Lake

गुरूडोंगमर झील Gurudongmar Lake

Travel Postcard गुरूडोंगमर झील 17,800 फीट की ऊंचाई पर बनी इस झील को हिन्दु और बौद्ध दोनों ही धर्मों में पवित्र माना जाता है। यह तिब्बत की सीमा के पास बिल्कुल पास है। इसे दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में शामिल किया जाता है। बर्फ से ढकी पहाडियों के बीच झील का साफ पानी मनमोह लेता है। इस झील को बौद्ध गुरू रिमपोचे से भी जोड कर देखा जाता है। यह झील गंगटोक से 190 किलोमीटर दूर है। इसके पास…

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युमथांग घाटी YUMTHANG VALLEY

युमथांग घाटी YUMTHANG VALLEY

Travel Postcard उत्तरी सिक्किम में 3500 मीटर की ऊंचाई पर है खूबसूरत युमथांग घाटी। इसे फूलों की घाटी भी कहा जाता है। मार्च से मई के बीच यहां चारों तरफ बुरांश के फूल खिले नजर आते हैं। ऊंचे पहाड़ों के बीच बसी युमथांग घाटी किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती । यहां के शिंगबा रोडोडेंड्रेन ( बुरांश ) अभ्यारण्य में बुरांश की 25 किस्में पाई जाती हैं। सर्दियों में यहां काफी बर्फ गिरती है उस समय इस घाटी को देखने…

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