बंगाल के मुखौटे……

बंगाल के मुखौटे……

हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता देखने के लायक है। आज एक सेमिनार के सिलसिले में दिल्ली के विग्यान भवन में जाना हुआ। वहां दिवार को बंगाल के पारम्परिक मुखौटों से सजाया गया था। देखते ही आखें ठहर गई उनकी खुबसूरती पर। इसमें मां काली, दुर्गा, भगवान गणेश, के मुखौटे थे। ये बंगाल में पूजा के लिए रखे जाते हैं। हालांकि पूरा पता मेरे को भी नहीं है। आप में से किसी को पता हो तो बताईये। उनके के फोटो आप…

Read More Read More

रेत पर फैली सुन्दरता……

रेत पर फैली सुन्दरता……

राजस्थान भारत का सबसे बडा राज्य है। इसकी रेतीली खूबसूरती देखते ही बनती है। सूरज की किरणों में ये धरती सोने सी चमकती नजर आती है। इस बार की छुट्टियों में अपने घर गया था राजस्थान में। वहां रेगिस्तान के लिए कुछ फोटो आप सबके लिए। इससें आपको रेतीली धरती और दूर दूर दिखाई देने वाले पेड दिखाई देंगें।

राजस्थान शेखावाटी का होली नृत्य… गीन्दड

राजस्थान शेखावाटी का होली नृत्य… गीन्दड

राजस्थान के शेखावाटी इलाके में होली पर एक खास नाच किया जाता है। इसको गीन्दड कहा जाता है। इस में लडके गोल घेरे में घूमते हुए नृत्य करते हैं। ये बहुत कुछ गुजरात के डांडिया से मिलता है। इसके कुछ फोटो औऱ वि़डियो आपके लिए।

करणी माता बीकानेर….चूहों का मंदिर

करणी माता बीकानेर….चूहों का मंदिर

बीकानेर के पास है छोटा सा कस्बा देशनोक। देशनोक करणी माता के मंदिर के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इस मंदिर में एक खास बात है जिसने इसे दुनिया में अलग जगह खडा कर दिया है। वो है मंदिर में पाये जाने वाले हजारों चूहे। चूहे इस मंदिर में सदियों से रहते आ रहे हैं। देशनोक बीकानेर से तीस किलोमीटर दूर है। मैं करीब सात आठ साल पहले बीकानेर गया था उस समय मैंने करणी माता के मंदिर…

Read More Read More

शेखावाटी राजस्थान खुली कला दीर्घा

शेखावाटी राजस्थान खुली कला दीर्घा

राजस्थान को जाना जाता है अपनी एतिहासिक विरासत के लिए। इसी राजस्थान में एक इलाका है जिसे शेखावाटी कहा जाता है। शेखावाटी को खुली कला दीर्घा भी कहा जाता है। इसका कारण है यहां कि हवेलियों की दीवारों पर बने चित्र। शेखावाटी राजस्थान के मरुस्थलीय भाग में पडता है। मेरा बचपन इसी इलाके में बीता है इसलिए आज चलते हैं इसकी सैर पर। शेखावाटी का इलाकी राजस्थान के सीकर,झुँन्झुँनु, और चूरु जिलों को मिलाकर बनता है। इस इलाके अपने अमीर…

Read More Read More

पुरानी दिल्ली के इतिहास का सफ़र

पुरानी दिल्ली के इतिहास का सफ़र

पुरानी दिल्ली के चटकारों के बाद चलते हैं दिल्ली के इतिहास के सफर पर। पर ये सफर कुछ अलग हैं इसमें कुछ रंग बिरंगी लाईटें हैं और कुछ आवाजें। इन को मिला कर बनाया गया है लाल किले में होने वाला लाईट एंड साउँड प्रोग्राम। इसमें रंग बिरंगी लाईटों और आवाजों के साथ कहा गया है दिल्ली का इतिहास। पुरानी दिल्ली में लालकिले के बनने से लेकर उसके बसने की पूरी कहानी बेहद ही उम्दा तरीके से कही गया है।…

Read More Read More

पुरानी दिल्ली के चटकारे

पुरानी दिल्ली के चटकारे

दिल्ली आयें और यहां का खाना ना खायें तो बात अधूरी रह जाती है। आज बात दिल्ली के तरह तरह के खाने पीने की। मुझे तो घूमने फिरने के साथ ही पंसद है अलग अलग तरह का खाना खाना। दिल्ली में अगर खाना हो तो बात फिर पुरानी दिल्ली की करनी ही होगी। मुगलों के जमाने से ही बसी पुरानी दिल्ली में मुगलों ने भारत भर से लोगों को लाकर यहां बसाया। लोगों के साथ ही पहुचाँ भारत भर का…

Read More Read More

बजट और बाघ……..

बजट और बाघ……..

चिदम्बरम के बजट की सराहना सभी ने की है। भले ही इसे आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया हो। लेकिन मैं दूसरी ही बात के लिए बजट की तारीफ करुँगा जिसकी तरफ लोगों और मीडिया का ध्यान नहीं गया है। इस बार के बजट में चिदम्बरम नें बाघों को बचाने के लिए पचास करोड रुपये देने की बात कही है। ये राशि उस पैसे से अलग होगी जो बाघ संरक्षण परियोजना चलाने में खर्च की जा रही…

Read More Read More

जागेश्वर तस्वीरों में…………

जागेश्वर तस्वीरों में…………

जागेश्वर की कुछ तस्वीरें लगा रहा हूँ। जागेश्वर के बारे में पहले ही लिख चुका हूँ लेकिन तब फोटो नहीं लगा पाया था। अब फोटो को डिजिटल करवाने के बाद आप सब के लिए पोस्ट कर रहा हूँ।

ॠषिकेश अध्यात्म का नगर

ॠषिकेश अध्यात्म का नगर

हरिद्वार से ३० किलोमीटर दूर है ॠषिकेश। ॠषिकेश को पवित्र तीर्थ माना जाता है। यहां पर बहती गंगा की खूबसूरती तो देखती ही बनती है। ॠषिकेश की सबसे मशहूर जगह हैं लक्ष्मण झूला। तारों पर झूलता ये पुल तो देखन के लायक है। पुल के बीच में खडें होकर नीचे बहती गंगा को देखना अविस्मरणीय अनुभव है। ॠषिकेश में गंगा पहाड से उतरने के कारण तेजी से बहती है। इसके तेज बहाव को लक्ष्मण झूले पर खडा होकर महसूस किया…

Read More Read More