बजट और बाघ……..

बजट और बाघ……..

चिदम्बरम के बजट की सराहना सभी ने की है। भले ही इसे आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया हो।
लेकिन मैं दूसरी ही बात के लिए बजट की तारीफ करुँगा जिसकी तरफ लोगों और मीडिया का ध्यान नहीं गया है।
इस बार के बजट में चिदम्बरम नें बाघों को बचाने के लिए पचास करोड रुपये देने की बात कही है। ये राशि उस पैसे से अलग होगी जो बाघ संरक्षण परियोजना चलाने में खर्च की जा रही है। इस पचास करोड की मदद से बाघ को बचाने के लिए पुलिस बल तैयार किया जाएगा।
कुछ ही दिनों पहले भारत सरकार ने भी आखिरकार मान ही लिया कि भारत में बाघ तेजी से कम होते जा रहे हैं। इस साल की गई गणना में देश में १४११ बाघ गिने गये हैं। जबकि इससे पहले २००२ में हुई गणना में भारत में ३६०० बाघ गिने गये थे।
हमारे जंगलों से ये बडी बिल्ली तेजी से खत्म होती जा रही है। लगता है कि बाघ का हाल भी चीते की तरह से ही होने वाला है। कार्बेट नेशनल पार्क को बाघों के मामले में सबसे सुरक्षित माना गया है। मैं खुद भी कई बार कार्बेट गया हूँ हालांकि कभी भी मैं इस शानदार जानवर को देख नहीं पाया।
देश में आधे से भी कम बाघों का रह जाना दिखाता है कि हमारे जंगल किस कदर असुरक्षित हो चुके हैं और हमारी परियोजनाऐ किस हद तक नाकाफी साबित हुई हैं। ऐसे में उम्मीद है कि भविष्य में बनने वाले पुलिस बल के अच्छे परिणाम सामने आयेंगें।
मेरे जैसे प्रकृति प्रेमियों को जंगल में इस शानदार जीव के दर्शन हो सकेंगे। अफ्रीका में इस तरह के पुलिस बलों को बनाने के अच्छे नतीजे देखने को मिलें हैं। आशा है कि भारत में भी ये जीव सुरक्षित रह पायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.