तिरूवन्नमलई

तिरूवन्नमलई

तिरूवन्नमलई तमिलनाडु का एक तीर्थ स्थान है तिरूवन्नमलई। यह छोटा सा शहर अन्नमलई पहाड़ों के नीचे बसा है। यहां भगवान शिव का प्रसिद्ध अन्नमलईयर मंदिर स्थित है। नौ वीं शताब्दी में बने इस मंदिर को भगवान शिव के अग्नि रूप का प्रतीक माना जाता है। मंदिर का विशाल गोपुरम देखने लायक है। यहां नवम्बर/ दिसम्बर के महीने में दस दिनों का ब्रह्मोत्सव मनाया जाता है जिसकी समाप्ति कारथीगई दीपम त्योहार से होती है। अंतिम दिन पहाड़ी पर विशाल दीपक जलाया…

Read More Read More

तिरूवरूर

तिरूवरूर

15 नवम्बर 2017 तिरूवरूर तमिलनाडु के प्राचीन चोल साम्राज्य की राजधानियों में से एक था तिरूवरूर। यह शहर त्यागराज मंदिर के कारण बहुत लोकप्रिय है। यह मंदिर तमिलनाडु के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है।हर वर्ष मार्च-अप्रेल के महीन में त्यागराज मंदिर में रथयात्रा निकलती है। जिसे देखने के लिए लोगों की संख्या में लोग जुटते हैं। इस मंदिर का विशाल रथ कला का अद्भुत नमूना है। यह रथ 90…

Read More Read More

नागपट्टनम

नागपट्टनम

नागपट्टनम तमिलनाडु का ऐतिहासिक शहर नागपट्टम चोल राज्य का हिस्सा था। बर्मा के राजा ने चोल शासन के समय यहां बौद्ध विहार बनवाया था। सम्राट अशोक ने भी यहां बौद्ध विहार बनवाए थे। प्राचीन समय में बंगाल की खाड़ी का प्रमुख बंदरगाह था। नागपट्टनम पुर्तगालियों और बाद में डच लोगों के अधिकार में रहा। नागपट्टनम के पास वेलकन्नी ईसाई धर्म का तीर्थ स्थल माना जाता है।यहां 17वीं शताब्दी का चर्च है। 16वीं शताब्दी में बनी नागोर दरगाह भी बहुत प्रसिद्ध…

Read More Read More

चिदम्बरम

चिदम्बरम

चिदम्बरम तमिलनाडु के चिदम्बरम को मंदिरों का शहर कहा जाता है। यहां के मंदिर और उनके भव्य गोपुरम द्रविड़ वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण हैं। यहां का नटराज मंदिर सबसे लोकप्रिय है। यहां भगवान शिव की नटराज रूप में पूजा की जाती है।मंदिर की खासियत है कि यहां शिव के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है। इस मंदिर के गोपुरम को बारीक नक्काशी से सजाया गया है। दीवारों पर नटराज की नृत्य मुद्राएं उकेरी गई हैं। चिदम्बरम में…

Read More Read More

कोल्लम

कोल्लम

कोल्लम केरल की अष्टमुडी झील के किनारे बसा है कोल्लम। यहां का बंदरगाह प्राचीन समय से व्यापार का केन्द्र रहा है । इब्ने बतूता से लेकर मार्कोपोलो तक सबने इस शहर की चर्चा की है। इसके एत तिहाई हिस्से पर खूबसूरत अष्टमुडी झील फैली हुई है। इस झील में सैर करते हुए किनारे पर फैले खेतों और नारियल के पेड़ों को देखना अलग ही अनुभव है। पांड्य शैली का रामेश्वरम मंदिर देखा जा सकता है। थंगसेरी में 18वीं शताब्दी का…

Read More Read More

कोझीकोड

कोझीकोड

कोझीकोड केरल के मालाबार तट पर बसा कोझीकोड एक ऐतिहासिक शहर है। प्राचीन समय से यह व्यापार का केन्द्र रहा है। दुनिया भर से व्यापारी यहां आया करते थे। 1498 में समुद्री रास्ते भारत पहुंचने वाला पुर्तगाली नाविक वास्कोडिकामा सबसे पहले कोझीकोड ही पहुंचा था। वह पहला यूरोपिय था जो समुद्री रास्ते से भारत पहुंचा था। यहां कई सुन्दर समुद्री तट हैं। कोझीकोड तट से सूर्यास्त का मनभावन नजारा दिखाई देता है। कोझीकोड में पुराने चर्च , मंदिर और महल…

Read More Read More

त्रृश्शूर

त्रृश्शूर

त्रृश्शूर त्रृश्शूर या त्रिचूर को केरल की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। यह भगवान शिव के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां के वडक्कुमनाथ मन्दिर में होने वाला पूरम उत्सव बहुत लोकप्रिय है। यह केरल के सबसे जाने माने मंदिर उत्सवों में से एक है। वडक्कुमनाथ मन्दिर केरल स्थापत्य का बढ़िया उदाहरण है। त्रश्शूर में कई चर्च और मस्जिद भी देखे जा सकते हैं। केरल और डच स्थापत्य का मेल यहां का वड्डकरा महल एक शानदार इमारत है। त्रश्शूर कोच्चि…

Read More Read More

पोनमुड़ी

पोनमुड़ी

पोनमुड़ी समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर है केरल का हिल स्टेशन पोनमुड़ी। यहां के जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं। यहां जंगली ऑर्किड, पहाड़ी फूलों और तितलियों की बहुत सी प्रजातियां देखने को मिलती हैं। पोनमुड़ी में चाय के बागान भी हैं। यहां का मौसम पूरे साल खुशगवार बना रहता है। पोनमुड़ी जाने के रास्ते के साथ बहती कल्लार नदी पर कुछ समय बिताया जा सकता है। यहां पहाड़ों पर ट्रेकिंग करने के भी…

Read More Read More

तिरूवनंतपुरम

तिरूवनंतपुरम

तिरूवनंतपुरम केरल की राजधानी और ऐतिहासिक शहर है तिरूवनंतपुरम। महात्मा गांधी ने इसे सदाबहार शहर कहा था। पद्मनाभस्वामी मंदिर यहां की पहचान है। भगवान विष्णु को समर्पित यह प्राचीन मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है।यह मंदिर दो हजार साल पुराना माना जाता है।हाल में अपने खजाने के कारण यह मंदिर बहुत चर्चित रहा है। तिरूवनंतपुरम में देखने के लिए पुराने महल और संग्रहालय भी हैं। नेपियर संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियां रखी गई हैं । त्रावणकोर महाराजा का महल…

Read More Read More

वर्कला

वर्कला

वर्कला केरल का वर्कला समुद्री तट खूबसूरती के साथ धार्मिक महत्व भी रखता है। इसे पापनासम तट भी कहा जाता है। यहां एक पवित्र झरना है। माना जाता है इसमें नहाने से पाप नष्ट हो जाते हैं। वर्कला तेजी से देशी – विदेशी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। इसके तट से सूर्यास्त का शानदार नजारा दिखाई देता है। यहां दो हजार वर्ष पुराना भगवान विष्णु को समर्पित जनार्दन स्वामी मंदिर भी देखा जा सकता है। वर्कला तट के…

Read More Read More