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Category: India

शेखावाटी राजस्थान खुली कला दीर्घा

शेखावाटी राजस्थान खुली कला दीर्घा

राजस्थान को जाना जाता है अपनी एतिहासिक विरासत के लिए। इसी राजस्थान में एक इलाका है जिसे शेखावाटी कहा जाता है। शेखावाटी को खुली कला दीर्घा भी कहा जाता है। इसका कारण है यहां कि हवेलियों की दीवारों पर बने चित्र। शेखावाटी राजस्थान के मरुस्थलीय भाग में पडता है। मेरा बचपन इसी इलाके में बीता है इसलिए आज चलते हैं इसकी सैर पर। शेखावाटी का इलाकी राजस्थान के सीकर,झुँन्झुँनु, और चूरु जिलों को मिलाकर बनता है। इस इलाके अपने अमीर…

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पुरानी दिल्ली के इतिहास का सफ़र

पुरानी दिल्ली के इतिहास का सफ़र

पुरानी दिल्ली के चटकारों के बाद चलते हैं दिल्ली के इतिहास के सफर पर। पर ये सफर कुछ अलग हैं इसमें कुछ रंग बिरंगी लाईटें हैं और कुछ आवाजें। इन को मिला कर बनाया गया है लाल किले में होने वाला लाईट एंड साउँड प्रोग्राम। इसमें रंग बिरंगी लाईटों और आवाजों के साथ कहा गया है दिल्ली का इतिहास। पुरानी दिल्ली में लालकिले के बनने से लेकर उसके बसने की पूरी कहानी बेहद ही उम्दा तरीके से कही गया है।…

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पुरानी दिल्ली के चटकारे

पुरानी दिल्ली के चटकारे

दिल्ली आयें और यहां का खाना ना खायें तो बात अधूरी रह जाती है। आज बात दिल्ली के तरह तरह के खाने पीने की। मुझे तो घूमने फिरने के साथ ही पंसद है अलग अलग तरह का खाना खाना। दिल्ली में अगर खाना हो तो बात फिर पुरानी दिल्ली की करनी ही होगी। मुगलों के जमाने से ही बसी पुरानी दिल्ली में मुगलों ने भारत भर से लोगों को लाकर यहां बसाया। लोगों के साथ ही पहुचाँ भारत भर का…

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जागेश्वर तस्वीरों में…………

जागेश्वर तस्वीरों में…………

जागेश्वर की कुछ तस्वीरें लगा रहा हूँ। जागेश्वर के बारे में पहले ही लिख चुका हूँ लेकिन तब फोटो नहीं लगा पाया था। अब फोटो को डिजिटल करवाने के बाद आप सब के लिए पोस्ट कर रहा हूँ।

ॠषिकेश अध्यात्म का नगर

ॠषिकेश अध्यात्म का नगर

हरिद्वार से ३० किलोमीटर दूर है ॠषिकेश। ॠषिकेश को पवित्र तीर्थ माना जाता है। यहां पर बहती गंगा की खूबसूरती तो देखती ही बनती है। ॠषिकेश की सबसे मशहूर जगह हैं लक्ष्मण झूला। तारों पर झूलता ये पुल तो देखन के लायक है। पुल के बीच में खडें होकर नीचे बहती गंगा को देखना अविस्मरणीय अनुभव है। ॠषिकेश में गंगा पहाड से उतरने के कारण तेजी से बहती है। इसके तेज बहाव को लक्ष्मण झूले पर खडा होकर महसूस किया…

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चम्बा-अनजानी खूबसूरती

चम्बा-अनजानी खूबसूरती

ॠषिकेश से टिहरी जाने वाली सडक पर हैं एक हिल स्टेशन चम्बा। चम्बा का नाम सुनते ही सबको हिमाचल याद आता है। लेकिन ये चम्बा उत्तरांचल में टिहरी से दस किलोमीटर पहले है। समुद्र तल से सोलह सौ मीटर की उँचाई पर बसा है ये हिल स्टेशन है। मेरी टिहरी यात्रा में मैने रात को चम्बा मे रुकने का फैसला किया। जिस रिजोर्ट में मै रुका वो पहाड की चोटी पर था, लगभग दो हजार मीटर की उँचाई पर। रात…

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औली- बर्फीली ढलानों का रोमांच

औली- बर्फीली ढलानों का रोमांच

बद्रीनाथ से तीस किलोमीटर पहले आता है जोशीमठ। जोशीमठ से सोलह किलोमीटर दूर है भारत का सबसे अच्छा स्की रिजोर्ट औली। औली की ढलानो को भारत ही नहीं दुनिया की सबसे अच्छी ढलानों में शुमार किया जाता है। जोशीमठ दिल्ली से पाँच सौ किलोमीटर और हरिद्वार से तीन सौ किलोमीटर दूर है। यहां नवम्बर से मार्च तक स्की का मजा लिया जा सकता है। औली बर्फ पिघलने के बाद भी इतना ही खुबसूरत रहता है। गर्मी के मौसम में यहां…

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भारत का आखिरी गाँव- माणा

भारत का आखिरी गाँव- माणा

बद्रीनाथ से दो किलोमीटर की दूरी पर है भारत का आखिरी गांव माणा। चीन की सीमा पर उत्तराखंड का ये आखिरी गांव है। इस गांव में तिब्बती मूल के बाशिंदे रहते हैं। ये लोग गर्मी के मौसम में यहां रहते हैं और सर्दी में नीचे के इलाकों में चले जाते हैं। यहां ये आप इन लोगों के हाथों के बने ऊनी कालीन खरीद सकते हैं। यहां पर देखने के लिए हैं भीम पुल जिसे स्वर्ग यात्रा पर जाते हुए भीम…

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बद्रीनाथ- स्वर्ग का एहसास

बद्रीनाथ- स्वर्ग का एहसास

हरिद्वार से तीन सौ किलोमीटर दूर है बद्रीनाथ। बद्रीनाथ को चार धामों में से एक माना जाता है। आदि शंकराचार्य ने नौं वीं शताब्दी में इसकी स्थापना की थी। मैं करीब पन्द्रह साल पहले यहां गया था। उस समय की याद तो आज भी है लेकिन इतनी नहीं कि आप सब को बता सकूँ। लेकिन ये तो आज भी याद है कि यहां पहुंच कर एसा लगा था कि जैसे मैं स्वर्ग में आ गया हूँ। बद्रीनाथ साढे तीन हजार…

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