कोरोना काल में ट्रैवल : क्या बरतें सावधानियां
मैं ट्रैवल राइटर हूं। इस वजह से कई बार जान पहचान के लोग और कई बार अनजान भी ट्रैवल से जुड़ी सलाह लेते रहते हैं। लॉक डाउन से पहले इस तरह की मैसेज या फोन अक्सर आया करते थे। लॉक डाउन के पहले फरवरी के आखिर में एक परिवार ने सलाह मांगी थी जो मलेशिया घूमने जा रहा था। मैं फरवरी के दूसरे हफ्ते में मलेशिया के सबाह से घूम कर वापस आया था। उनका कार्यक्रम मार्च के तीसरे हफ्ते में मलेशिया जाने का था। उस वक्त तक लॉकडाउन जैसी बात शुरू नहीं हुई थी लेकिन मलेशिया में सावधानियां बरती जा रही था। मैंने उन्हें यही बताया था कि फिलहाल आप जा सकते हैं लेकिन स्थिति पर नज़र बनाए रखिए। उसके बाद उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया उम्मीद है वे नहीं गए होंगे।
उसके बाद अगले तीन महीने लॉकडाउन के चलते किसी ने ट्रैवल से जुड़ी सलाह नहीं मांगी। लेकिन अनलॉक शुरू होने के कुछ समय बाद पिछले दो महीनों में चार-पांच लोग मुझे पूछ चुके हैं कि क्या अब ट्रैवल पर जाना चाहिए और जाएं तो कहां जाएं। मैं खुद को घुमक्कड़ मानता हूं लेकिन अभी ट्रैवल के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहा। कोरोना का डर भी अभी दिल से गया नहीं है। ऐसे में ट्रैवल के लिए शहर से बाहर निकलने का सोच रहे लोगों के लिए अभी तक मेरा जवाब न मैं ही रहा है।
इसको लेकर सबकी राय अलग-अलग हो सकती है लेकिन कोरोना के वर्तमान आंकड़े मुझे घर से निकलने की हिम्मत नहीं दे पा रहे हैं। देश में हर दिन कोरोना के मामले नई ऊंचाई छू रहे हैं। दुनिया के जो देश खुद को कोरोना से मुक्त मान रहे थे वे कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। यूरोप खुल चुका है लेकिन मामले फिर तेज़ी से आने लगे हैं।
फिर भी आप ट्रैवल पर जाना ही चाहते हैं तो आपको किन बातों ध्यान रखनी चाहिए इस पर मैंने कुछ बिन्दु लिखे हैं। ट्रैवल की योजना बनाने से पहले आप इन पर ध्यान दे सकते हैं।
1. आपके इलाके में कोरोना की स्थिति – ट्रैवल के लिए निकलना चाहते हैं तो सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि आपके इलाके में कोरोना की क्या स्थिति है। अगर आप कोरोना के लिहाज से हॉट स्पॉट या कन्टेनमेंट ज़ोन में है तो बेहतर है कि आप अपनी ट्रैवल की योजना कुछ दिनों के लिए टाल दें। कन्टेमेंट ज़ोन में रहने पर संभावना हो सकती है कि आप में कोरोना के लक्षण न दिखाई दें लेकिन आप कोरोना को दूसरी जगह पर फैला सकते हैं। अब देश में कहीं भी जाने पर कोरोना जांच करवाने की शर्त भी केन्द्र सरकार ने हटा दी है। राज्य सरकारें भी धीरे-धीरे इसको हटा रही हैं। ऐसे में आपकी सामाजिक ज़िम्मेदारी बनती है कि कोरोना को फैलाने में योगदान न दें।
कोरोना की जांच करवाकर जाना एक विकल्प हो सकता है। लेकिन यह भी 100% असरदार नहीं है। जांच करवाने के बाद से लेकर किसी जगह तक पहुंचने के बीच भी आप कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। एसिम्पटोमैटिक होने पर किसी को पता भी चलता और हम अंजाने ही कोरोना फैलाने लगते हैं।
आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग्स टीम का उदाहरण सबके सामने है। टीम के सदस्य कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट आने के बाद ही दुबई गए थे। दुबई पहुंचते ही सबको होटल के अलग-अलग कमरों में आइसोलेट भी कर दिया गया लेकिन इसके बाद भी दुबई में टीम के 12 सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले।
2. जहां जाना चाहते हैं वहां कोरोना की स्थिति – दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि आप जहां घूमने जाना चाहते हैं वहां कोरोना की स्थिति क्या है इसकी पूरी जानकारी लें। हो सकता है कि आप जहां रहते हैं वहां कोरोना के मामल कम हों के लेकिन जहां आप जाने का सोच रहे हैं वहां मामले ज़्यादा आ रहे हों। ऐसा होने पर घूमने के लिए दूसरी जगह चुनने में ही समझदारी है। अगर उस जगह पर मामलों की संख्या कम है तो आपके लिए वह इलाका तुलनात्मक रूप से सुरक्षित हो सकता है। कम मामलों वाली जगह जाने पर आपकी ज़िम्मेदारी बनती है कि सुरक्षा के सारे उपायों को अपनाएं जिससे वहां कोरोना फैलाने में आपकी कोई भूमिका न रहे। कुछ दिनों पहले खबर थी कि हिमाचल में होटल मालिक और कुछ गांवों के लोग नहीं चाहते की बाहरी लोग हिमाचल में घूमनें आएं क्योंकि हिमाचल में कोरोना के काफी कम मामले आ रहे हैं और पर्यटक अपने साथ कोरोना को लेकर आ सकते हैं।
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3. स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति- जिस इलाके में जा रहे हैं वहां स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति है इस पर भी ध्यान दें। आप देश या विदेश के जिस इलाके में जा रहे हैं क्या आपको वहां सही चिकित्सा मिल पाएगी इसका पता रखना बहुत ज़रूरी है। अगर आप बड़े शहरों या कस्बों से दूर हैं तो पता करें कि अच्छे अस्पताल आपके यहां से कितनी दूरी पर होंगे।
4- कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर क्या होगा- आप घूमने जा रहे हैं तो इस बात की संभावना हो सकती है कि किसी जगह पंहुचने के बाद आप कोरोना संक्रमित हो जाएं। ऐसे में पता कि करें कि पर्यटकों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उस जगह पर क्या नियम हैं? अगर आप देश में कहीं जा रहें हो तो उस राज्य के नियम देखें। विदेश में स्थिति ज्यादा मुश्किल भरी हो सकती है क्योंकि विदेशों में इलाज या क्वारंटीन का मंहगा खर्च परेशानी खड़ी कर सकता है।
5. स्वास्थ्य बीमा – आजकल काफी लोग पहले से ही स्वास्थ्य बीमा रखते हैं। किसी ज़रूरत के समय स्वास्थ्य बीमा आपके इलाज़ का खर्च उठाने में काम आ सकता है। ज़्यादातर स्वास्थ्य बीमा केवल देश के अंदर ही लागू होते हैं। कोरोना की स्थिति को देखते हुए अपनी बीमा कंपनी से कोरोना के इलाज से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी लें ले। आमतौर पर कोरोना का इलाज सभी स्वास्थ्य बीमा में शामिल है फिर भी पक्की जानकारी लें। अगर आपके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं हैं तो बेहतर होगा कि जाने से पहले बीमा खरीद लें। आप चाहें तो कोविड के लिए खास तौर से लाए गए स्वास्थ्य बीमा भी ले सकते हैं, इसमें आपको काफी कम प्रीमियम पर कोरोना के इलाज की सुविधा मिल जाती है।
6. ट्रैवल बीमा- अगर देश के बाहर जा रहे हैं तो ट्रैवल बीमा ज़रूर लेकर जाएं। ट्रैवल बीमा विदेश में घूमने के दौरान आपातकालीन स्थिति में इलाज की ज़रूरत पड़ने पर काफी काम आता है। हालांकि कोरोना वायरस से जुड़ा इलाज ट्रैवल बीमा में शामिल है या नहीं इसके बारे में पूरी जानकारी लें। कोरोना के महामारी घोषित होने के बाद काफी कंपनियों ने इसको ट्रैवल बीमा के दायरे से बाहर कर दिया था। लेकिन अब क्योंकि ट्रैवल फिर से खुलने लगा है और न्यू नार्मल को अपनाने की बात की जा रही है तो हो सकता है कि कोरोना से जुड़े ट्रैवल बीमा नियमों को कुछ बदलाव आए।
वैसे कोरोना का इलाज शामिल हो या न हो, विदेश जाने वाले यात्रियों को ट्रैवल बीमा ज़रूर लेना चाहिए।
7. होटल का चुनाव – कोरोना के समय सही होटल का चुनाव बहुत ज़रूरी है। पता करें कि कमरों की साफ-सफाई को लेकर होटल क्या उपाय कर रहा है। कई बड़े होटल ग्रुप्स ने तय किया है कि किसी गेस्ट को कमरा देने से पहले उसे सैनिटाइज़ करने के साथ कुछ घंटों के लिए बंद रखा जाए। होटल किस तरह के उपाय अपना रहा है इसे जानने के लिए Tripadvisior, booking.com पर होटल के रिव्यू देखे जा सकते हैं। आप से पहले रुके लोगों के अनुभव सही निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं। गूगल पर भी होटल के बारे में जानकारी ली जा सकती है
8. यातायात के साधन- देश में अनलॉक शुरू होने के बाद कुछ शहरों के लिए हवाई और रेल सेवा शुरू हुई है। इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। जिस जगह पर जाने की योजना बना रहे हैं वहां तक जाने वाले यातायात के साधनों की जानकारी ज़रूर लें। अगर आपके पास गाड़ी है तो ख़ुद की गाड़ी से जाना एक सुरक्षित विकल्प है। हवाई जहाज या रेल से सफ़र करते समय पूरी सावधानी बरतें।
आखिर मैं मेरा यही कहना है कि ‘जान है तो जहान है’ के वाक्य पर ध्यान दें। घूमने से जुड़ी जगहें कहीं जाने वाली नहीं हैं। इसलिए हो सके तो कोराना का असर कम होने तक घूमने को टालने की कोशिश करें।