धुलिकट्टा
धुलिकट्टा
तेंलगाना के बौद्ध इतिहास से जुड़ी अहम जगह है धुलिकट्टा। करीब दो हजार वर्ष पहले धुलिकट्टा में महास्तूप और विहार का निर्माण किया गया था। उस समय के अवशेष यहां देखे जा सकते हैं। यहां से रोमन और सातवाहन काल के सिक्के और चांदी के आभूषण भी मिले हैं। स्तूप को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए चूना पत्थरों पर बौद्घ धर्म से जुड़ी आकृतियां उकेरी गई हैं। मेगस्थनीज ने भी धुलिकट्टा का जिक्र किया है। शहर इतना महत्वपूर्ण था कि इसकी रक्षा के लिए किलेबंदी की गई थी। धुलिकट्टा करीमनगर से 25 किलोमीटर दूर है।