उड़ान हौसले की
अपनी पायलट की पोशाक में कैप्टन त्रिशा मोहन बेहद आत्मविश्वास से भरी नजर आती हैं। पुरूषों के वर्चस्व वाले इलाके में काम करने पर कैसा अनुभव होता है यह पूछने पर हंसते हुए कहती हैं ‘सब कुछ अच्छा है हां अंतर इतना ही हैं कि एयरपोर्ट स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ और एटीसी अभी भी अक्सर ‘सर’ कहकर ही बात करते हैं’। कहती हैं मुझे इस बात से फर्क भी नहीं पडता कि वे किस तरह से बुलाते हैं।
बात सही भी है 20 साल से ज्यादा समय से एयरइंडिया के लिए हवाई जहाज उड़ा रही कैप्टन त्रिशा वो मुकाम हासिल कर चुकी हैं कि किसी सम्बोधन से उसका महत्व कम नहीं हो सकता। आपको बता देता हूँ कि त्रिशा मोहन बोईंग 747-400 जंबों उडाने वाली भारत की अकेली महिला पायलट हैं और ये काम वे पिछले 4 वर्षों से लगातार कर रही हैं । क्या इतने बड़े जहाज को उडाने का अनुभव अलग रहता है तो कहती हैं कुछ ऐसा ही है जैसे दिल्ली की भीड़ भरी सडकों पर कोई रॉल्स रायस चलाए। जरा से दायें बायें हुए कि गाडी हाथ से निकली। त्रिशा 20 साल में 7000 घंटे से ज्यादा विमान उडा चुकी हैं और जंबो उडाने का उन्हें 4000 घंटे से ज्यादा का अनुभव है। अपने काम से प्यार करने वाली इन महिला पायलट्स और क्रू के सदस्यों से एयरइंडिया के महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मिलने का मौका मिला।
एयरइंडिया की महिला टीम नए कीर्तिमान बना रही है हाल ही में इनकी पूरी तरह महिला क्रू वाली फ्लाइट ने बिना रूके प्रशांत महासागर के रास्ते दिल्ली से सेनफ्रांसिस्को और फिर वहां से अटलांटिक महासागर के रास्ते वापस दिल्ली का सफर 250 यात्रियों और 16 क्रू के सदस्यों के साथ पूरा किया है।
पूरे दुनिया कर चक्कर लगाकर इस टीम ने एक विश्वकीर्तिमान बनाया है। इस उड़ान को कैप्टन क्षमता वाजपेयी और कैप्टन सुनीता नरूला ने फर्स्ट फ्लाइट आफिसर कैप्टन इंदिरा सिंह और कैप्टन गुंजन अग्रवाल के साथ पूरा किया। ऐसा करने वाला ये दुनिया का पहला महिला पायलट दल है। महिला दिवस के मौके पर एयरइंडिया ने देश और विदेश के लिए 10 ऐसी फ्लाइट उड़ाई जिनका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में था। सिर्फ पायलट या क्रू के सदस्य ही महिलाएं हों ऐसा नहीं है बल्कि एयरलाइन से जुडें हर विभाग में महिलाएं जोर-शोर से काम कर रही हैं।
इसी के साथ आपको यह बताना भी जरूरी है कि भले कि एयरइंडिया दूसरी वजहों से सुर्खियों में ज्यादा रहता हो। लेकिन वहां कुछ ऐसा भी है जिसे जानकर मैं भी चौंक गया। जहां दुनिया भर की हवाई उड़ान कंपनियों में महिला पायलट्स की संख्या कुल पायलट्स का 2.5 से 3 फीसदी के बीच ही हैं वहीं एयर इंडिया में 11 फीसदी महिला पायलट्स हैं जो बखूबी अपना काम पूरा कर रही हैं।
एयर इंडिया ने महिला दिवस को एक खास तरीके पूरा किया। उन्होंने एयर इंडिया के लिए वर्षों के काम रही ऐसी 50 से ज्यादा महिलाओं को 8 मार्च को हवाई सैर करवाई जिनके लिए हवाई अड्डे पर काम करते हुए भी हवाई जहाज का सफर करना एक सपना ही था। हवाई सफर करने की खुशी उन महिलाओं के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। किसी ने नए कपडे बनवाए थे कोई पिछले कुछ रातों से इन एक दिन के इंतजार में सो ही नहीं पाया था। महिला दिवस पर कुछ नया जानने और समझने का यह मौका शानदार रहा।
2 thoughts on “उड़ान हौसले की”
Hi Deeps or “D” (the name Indra gave you on KBE),
Correction: Its Trisha Mohan & not Trisha Menon (unless she is married with that surname).
Thanks
Santosh Menon
बहुत बढ़िया पोस्ट।