चरैवेति-चरैवेतिः पहलगाम में…

चरैवेति-चरैवेतिः पहलगाम में…

तीसरे दिन दोपहर तक हम पहलगांव पहूँच गये। सभी लोग राफ्टिग करने के बाद गीले थे इसलिए सबसे पहले होटल ढूँढने की कवायद शुरु हुई। पहलगांव में बस अड्डे से आगे सीधे हाथ पर मुडते की काफी सारे होटल एक कतार में बने हैं। इनका खासियत ये है कि इन सबके सामने से खूबसूरत लिद्दर नदी बहती नजर आती है साथ ही खिडकी से नदी के पीछे खडे उँचे पहाडो के देखना अच्छा लगता है।

हमने भी यहीं पर कमरा लेने का कोशिश की लेकिन एक तो पर्यटन का मौसम और दूसरे अमरनाथ यात्रा के कारण किसी भी जगह पर हमको एक साथ आठ कमरे नहीं मिल पा रहे थे। थक हार कर हमने अलग अलग होटलो में ही कमरे लिए। हमें बजट के अंदर ही करीब १२०० रुपये में कमरा मिल गया।

मेरा कमरा तीसरी मंजिल पर था और वहां से सामने बहती नदी को देखकर मेरी तो सारी थकान उतर गई। उसके बाद मैने थकान उतारने के लिए कहवा मंगवाया। कहवा पीने के बाद थकान दूर हुई तब तक कपडे भी सूख गये थे। शाम के चार बज चुके थे और हम पहलगांव देखने कि लिए निकल पडे।

पहलगाव कश्मीर का बेहद ही सुन्दर और प्यारा हिल स्टेशन है। समुद्र तल से करीब २१०० मीटर की ऊँचाई पर लिद्दर नदी के किनारे बसा है पहलगांव। पहलगांव चारो ओर से बर्फ से ढके उँचे पहाडो से घिरा है। ये पहाड और नदी इसे अनोखा हिल स्टेशन बना देते हैं। यहां आस पास घूमने के लिए कई जगहे हैं जहां घोडे पर या पैदल जाया जा सकता है। लेकिन शाम होने की थी इसलिए हम कहीं दूर नहीं जा सकते थे तो हमने आस पास ही घूमने की सोची।

वैसे पहलगांव के इलाके में सुन्दर घाटियां और घास के मैदान हैं जिन्हें देखा जा सकता है। सबसे पहले हम पहुचे नदी के किनारे वहां जा कर जम कर फोटो खींचे। नदी के पानी में पैर डाल कर बैठे रहे लेकिन पहाडो पर ग्लेशियरो से बहकर आता पानी बहुत ही ठंडा था।

नदी के किनारे बैठे बैठे अंधेरा होने लगा तो हम वंहा से चल दिये बाजार की तरफ। छोटा सा बाजार है जहां से जरुरत की सारी चीजे खरीदी जा सकती हैं। बाजार में ज्यादा भीड भीड नहीं थी शांत सडक पर चहलकदमी करते हुए हमने पूरा बाजार देख लिया। बाजार की तरफ भी मुझे कई अच्छे होटल दिखाई दिये अगर आप का बजट ज्यादा है तो यहां रुका जा सकता है। बाजार से हमने भी कुछ जरुरी चीजे खरीदी जो हमारी आगे की अमरनाथ यात्रा के लिए चाहिये थी। मैने एक पिट्ठू बैग और दस्ताने खरीदे।

ये सब करते करते रात होने लगी थी। तो हम वापस होटल के लिए चल दिये। होटल पहुचने पर चाय पीने के लिए होटल के लान मे ही बैठ गये तभी मुझे बहां एक मालिश वाला दिखाई दिया। सारे दिन की भाग दौड के बाद पैरो में दर्द हो रहा था साथ ही अगले दिन अमरनाथ की यात्रा की शुरू करनी थी।

मै यात्रा पैदल ही पूरी करने की ठान कर आया था। इसलिए अगले दिन का ख्याल करके मैने मालिश करवा ही ली जिससे थके पैरों को कुछ तो आराम मिल सके। मालिश के दौरान ही मालिश वाले ने बताया कि ये उसका पुश्तैनी काम है और हर साल पर्यटम के मौसम में वो यहां आ जाता है। मालिश बडी ही जोरदार निकली हाथ पैरो का सारा दर्द निकल गया। मैं अब अगले दिन के लिए बिल्कुल तैयार था। रात को काफी देर तक मैं लान मैं बैठ कर ठंडे मौसम का मजा लेता रहा। करीब दस बजे खाना खाकर मैने सोने के लिए चला ही गया अगले दिन सुबह जल्दी जो उठना था।

अगली कडी में भगवान भोलेनाथ की अमरनाथ यात्रा……….

6 thoughts on “चरैवेति-चरैवेतिः पहलगाम में…

  1. गोयल जी
    पहलगाम के एक आध फोटो भी लगा देते तो हम भी देख लेते आप की नज़रों से…चलिए अगली बार सही…अभी तो रास्ता लंबा है..
    नीरज

Leave a Reply

Your email address will not be published.