गुनेहड़ – कला दीर्घा में बदलता गांव
गुनेहड़ की एक सुबह मुझे मेरे होटल की बालकनी से कुछ महिलाएं आती दिखाई दी। खूबसूरत रंग बिंरंगे कपड़ों में सजी, काफी कुछ राजस्थानी पहनावे जैसा। वे महिलाएं नीचे की तरफ बने खेतों में चली गई। एक घंटे बाद जब वे फिर से आती दिखाई दी तो मेरी साथी ब्लागर श्री और मंजुलिका ने उनके फोटो लेने की इजाजत मांगी। वे आराम से तैयार हो गई, बोली, ले लो जी, जितने फाटो लेने हैं। अभिनव और मैं भी अपना कैमरा…