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Author: Dipanshu

वायनाड Wayanad

वायनाड Wayanad

Travel Postcard वायनाड प्रकृति का अनछुआ रूप देखना हो तो वायनाड चले आइए। उत्तरी केरल का खूबसरत हिल स्टेशन है वायनाड। पश्चिम घाट की पहाडियों पर पसरे वायनाड की सबसे बडी खासियत है कि यहां का मौसम पूरे साल खुशनुमा बना रहता है। जंगल, झीलें और झरने प्रकृति प्रमियों के लिए यहां सब कुछ है। रोमांच के शौकीनों के लिए यहां करने के लिए बहुत कुछ है। यहां नदियों में बैम्बू राफ्टिग से लेकर पहाडों पर माउंटेन बाइकिंग और ट्रेकिंग…

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मुन्नार Munnar

मुन्नार Munnar

Travel Postcard मुन्नार चारों तरफ हरी चादर की तरह फैले चाय के बागान, ऊंची पहाडियां , पहाडियों की चोटियों तक फैले घने जंगल और जंगलों के बीच में नजर आते घास के मैदान। मुन्नार में दिखाई देने वाले ये दृश्य मंत्रमुग्ध कर देते हैं। करीब 1600 मीटर की ऊँचाई पर बने मुन्नार में आकर आपको ठंडक का एहसास होगा। दक्षिण भारत की सबसे बेहतरीन चाय यहीं पैदा होती है। मुन्नार आकर चैन से चाय के साथ यहां के नजारों का…

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पेरियार टाइगर रिजर्व Periyar Tiger reserve

पेरियार टाइगर रिजर्व Periyar Tiger reserve

Travel Postcard पेरियार टाइगर रिजर्व पेरियार अभ्यारण्य भारत से सबसे पुराने संरक्षित इलाकों में से है। यह केरल का सबसे लोकप्रिय वन्य जीव अभ्यारण्य है। बाघों के बढती संख्या के कारण इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा भी दिया गया है। अभ्यारण्य में पेरियार नदी पर बने मुल्लापेरियार बांध की झील में बोटिंग का मजा लिया जा सकता है। झील में नाव से सफर करने पर जंगल के अनोखे नजारे देखने को मिलते हैं। यह संभवत भारत का अकेला टाइगर रिजर्व…

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तेक्कडी Thekkady

तेक्कडी Thekkady

Travel Postcard तेक्कडी केरल जाना जाता है काली मिर्च , इलायची, लौंग और दालचीनी जैसे कीमती मसालों के लिए। इन मसालों की सबसे बडी पैदावार होती है केरल के तेक्कडी इलाके में। पश्चिम घाट की पहाडियों पर बसा तेक्कडी एक थोडा सा शांत हिल स्टेशन है जहां कुछ दिन शांति के साथ बिताए जा सकते हैं। तेकड्डी में हों तो मसालों की खेती देखना ना भूलें। तेकड्डी के हरे भरे जंगल और मसालों की सुंगध आपको ताजगी से भर देती…

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अलापुझा Alappuzha

अलापुझा Alappuzha

Travel Postcard अलापुझा या अल्लेप्पी पानी से भरी नहरें, नहरों के किनारे खड़े नारियल के पेड और उनके पीछे से झांकते धान के खेत अलापुझा की इस खूबसूरती की तुलना नहीं की जा सकती। अलापुझा के बैकवाटर दुनिया भर में केरल की पहचान बन गए हैं। इन बैकवाटर या नहरों के कारण इसे ‘पूर्व का वेनिस’ भी कहा जाता है। इन नहरों में समय बिताने और वेंबनाड झील में डूबते सूरज को देखने का आंनद बिल्कुल अनोखा है। नाव से…

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कोच्ची kochi

कोच्ची kochi

Travel Postcard कोच्ची प्राचीन और आधुनिकता का अनोखा संगम है केरल का कोच्ची शहर। प्राचीन समय से ही यह इलाका केरल का प्रमुख बंदरगाह रहा है। यूनान, रोम, चीन और अरब के व्यापारी यहां हजारों सालों से केरल के मसालों का व्यापार करने आते थे। बाद में पुर्तगाली, डच और आखिर में अंग्रेजों ने यहां अपना अधिकार स्थापित किया। मध्यकाल में मसालों के व्यापार और उससे दुनिया पर पडने वाले असर को समझना है तो एक बार कोच्ची जरूर आएं।…

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लोकटक झील Loktak lake

लोकटक झील Loktak lake

Travel Postcard लोकटक झील मणिपुर की इस अनोखी झील को तैरती झील के नाम से जाना जाता है। इस झील में उगने वाली एक खास तरह की घास से झील के अंदर तैरते द्वीप बनते हैं । इन द्वीपों पर स्थानीय लोग झोपड़ी बना कर रहते भी हैं। इन द्वीपों से ही लोकटक को तैरती झील का नाम मिला है। इसके साथ ही झील में तैरता राष्ट्रीय उद्यान भी हैं जहां दुर्लभ प्रजाति का हिरण संगई पाया जाता है। लोकटक…

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तवांग Tawang

तवांग Tawang

Travel Postcard तवांग भारत के पूर्वी राज्य अरूणाचल प्रदेश का खूबसूरत कस्बा है तवांग। 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसा तवांग अपनी खूबसूरती के कारण दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचता है। 17 वीं सदी में बना तवांग बौद्ध मठ यहां का सबसे बडा आकर्षण है । यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। तवांग की सीमा चीन से लगती है। तवांग से 37 किलोमीटर दूर भारत-चीना की सीमा पर बूमला दर्रे को देखने जाया जा सकता…

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काजीरंगा नेशनल पार्क Kaziranga National Park

काजीरंगा नेशनल पार्क Kaziranga National Park

Travel postcard काजीरंगा नेशनल पार्क एक सींग वाले भारतीय गैंडे का सबसे बड़ा घर है आसाम का काजीरंगा नेशनल पार्क। गैंडें के संरक्षण में काजीरंगा ने एक मिसाल कायम की है। यहां बाघों की भी बडी आबादी रहती है। इसी कारण 2006 में इसे बाघ अभ्यारण्य भी घोषित किया गया। इसके साथ ही यहां बड़ी संख्या में पक्षियों की बहुत सी प्रजातियां भी पाई जाती हैं। यह पार्क 430 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है। इसे यूनेस्को की…

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उनाकोटी Unakoti

उनाकोटी Unakoti

Travel Postcard उनाकोटी त्रिपुरा का उनाकोटी पहाडों के पत्थरों में तराशी गई विशाल देव मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पहाड के पत्थरों में भगवान शिव, गणेश और दूसरे देवी देवताओं को उकेरा गया हैं। जंगल के बीच इस मूर्तियों को किसने बनाया इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं है।लेकिन जंगल में बनी ये मूर्तियां आपको आश्चर्यचकित कर देती हैं। माना जाता है कि 8वीं से 9वीं सदी के बीच उनाकोटी शैवमत का प्रमुख धार्मिक स्थल था।