आसाम की पारम्परिक टोपी जापी……
इस फोटो में जो चीज आप देख रहें हैं, वो आसाम की पारम्परिक रुप से इस्तेमाल की जाने वाली टोपी है। इसको आसाम में जापी कहा जाता है। जापी को आसाम में बहुतायात में मिलने वाले बांस या पाम की पत्तियों से बनाया जाता है।
जापी एक तरह की बडी टोपी है जो छाते का काम देती है। चाय के बागानों और खेतों में काम करने वाले किसान सदियों से धूप से बचने के लिए जापी का इस्तेमाल करते आये हैं।
मैं पिछले दिनों दिल्ली के विग्यान भवन एक सेमिनार के सिलसिले में गया था। वहां ये खूबसूरत सी गोल चीज मैंने दिवार पर देखी तो फोटो ले लिया, उसके नीचे जापी, आसाम लिखा था।
बाद में आसाम के कुछ मित्रों से पूछा तो पता चला कि ये टोपी है जिसे किसान इस्तेमाल करते हैं। जानकारी अच्छी लगी तो सोचा कि सब के साथ बांट लिया जाए।
जापी कई तरह कि होती है जिसके अलग अलग नाम होते हैं। फोटो में दिखाई दे रही जापी को आजकल घरों में सजाने के काम में लिया जा रहा है। दरअसल इस खूबसूरत जापी को पारम्परिक रुप से अमीर महिलाऐं प्रयोग में लाती थी। इस कारण इन्हें बेहद सजाया जाता था। इस सजावट के कारण ही इन्हें आधुनिक दुनिया ने भी आपना लिया है, भले ही थोडे अलग ऱुप में ।
इस सुन्दर जापी को फुलम जापी कहा जाता है। आसाम का कामरुप जिला फुलम जापी बनाने के लिए मशहूर है।
आसाम के मशहूर बिहू नाच के समय भी जापी को पहना जाता है। आज जापी का इस्तेमाल बहुत कम हो गया है लेकिन अपनी खूबसूरती के कारण ही आज भी ये बची हुई है।
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