गोलकुंडा का किला Golkunda fort
गोलकुंडा का किला
प्राचीन वास्तुकला के अद्भुत प्रयोग का उदाहरण है गोलकुंडा का किला। किले की खासियत है कि इसके मुख्य दरवाजे के गुंबद के नीचे अगर ताली बजाई जाए तो उसकी आवाज 1 किलोमीटर दूर पहाड़ की ऊंचाई पर बने महल तक सुनाई देती है। गोलकुंडा के वैभव का अंदाजा इस बात से लगया जा सकता है कि विश्वप्रसिद्ध कोहिनूर हीरा गोलकुंडा की खदानों से ही निकला था।16-17 वीं सदी में कुतुबशाही वंश की राजधानी रहे गोलकुंडा में उस दौर के महल, इमारते और मस्जिदें अभी भी देखी जा सकती है।यह किला हैदराबाद के बेहद नजदीक है।