धौलीगिरी dhauligiri

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धौलीगिरी
भुवनेश्वर के नजदीक ही है धौलीगिरी। यहीं दया नदी के किनारे कलिंग का युद्ध हुआ था। इसी युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था। यहां पर सम्राट अशोक का प्रसिद्ध धौली शिलालेख मिला है जिसमें अशोक ने बौद्ध धर्म और उसके दर्शन के बारे में बताया है। धौली शिलालेख के साथ ही चट्टान पर हाथी की मूर्ति उकेरी गई है। यह ओडिशा की शुरूआती बौद्ध मूर्तियों में से एक है। पहाडी पर एक शांति स्तूप भी बना है जिसे 1970 में जापान बुद्ध संघ की तरफ से बनवाया गया था।

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