भारत का आखिरी गाँव- माणा
बद्रीनाथ से दो किलोमीटर की दूरी पर है भारत का आखिरी गांव माणा। चीन की सीमा पर उत्तराखंड का ये आखिरी गांव है। इस गांव में तिब्बती मूल के बाशिंदे रहते हैं। ये लोग गर्मी के मौसम में यहां रहते हैं और सर्दी में नीचे के इलाकों में चले जाते हैं। यहां ये आप इन लोगों के हाथों के बने ऊनी कालीन खरीद सकते हैं। यहां पर देखने के लिए हैं भीम पुल जिसे स्वर्ग यात्रा पर जाते हुए भीम ने सरस्वती नदी के पर रखा था। ये एक विशाल पत्थर हैं जिसे यहां से निकलने वाली नदी पर भीम ने रखा था। यहां पहाड में बने छेद से बडी ही तेजी से पानी निकलता हैं। इतने सालों के बाद भी पानी की तेजी मुझे याद है। यहीं पर व्यास गुफा और गणेश गुफा हैं। मान्यता है कि व्यास गुफा में बैठकर महर्षि व्यास ने भगवान गणेश से महाभारत लिखवाई थी। जिसे गणेश ने गणेश गुफा में बैठकर लिखा था।साथ ही यहां आप भारत की आखिरी चाय की दुकान से चाय पीने का आनंद भी उठा सकते हैं।अगर पहाडी रास्तों पर चलने के शौकीन हैं तो यहां से पांच किलोमाटर दूर वसुंधरा झरने तक जा सकते हैं।यहा के अनुभव मेरे ही हैं सालों पुराने लेकिन फोटो नये हैं मेरे छोटे भाई के कैमरे से …………….साईन बोर्ड को फोटो से माणा के आस पास की जगहों का पता लग जाएगा।
One thought on “भारत का आखिरी गाँव- माणा”
waah!
aap ek journalist hain!
kiske liye kaam karte hain?
Aapka hindi blog achha laga