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Category: Travel postcard

सूर्य मंदिर, कोणार्क sun temple , Konark

सूर्य मंदिर, कोणार्क sun temple , Konark

Travel postcard कोणार्क का सूर्य मंदिर भारत की प्राचीन वास्तुकला और इंजीनियरिंग की बेहतरीन मिसाल है। पहली ही नजर में यह अपनी विशालता और खूबसूरती से सम्मोहित कर लेता है। 13वीं सदी में बने इस मंदिर को भगवान सूर्य के रथ की तरह बनाया गया था। मंदिर की दीवारों को देवी, देवताओं और जानवरों की सुन्दर मूर्तियों से सजाया गया है। माना जाता है कि सुबह सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह की मूर्ति पर ही पड़ती थी। यह…

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जगन्नाथ पुरी Jagannath Puri

जगन्नाथ पुरी Jagannath Puri

Travel Postcard जगन्नाथ पुरी हिन्दु धर्म के चार धामों से एक है जगन्नाथ पुरी। पुरी में भगवान जगन्नाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। 12 वीं शताब्दी में बना यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। भगवान जगन्नाथ कृष्ण के ही एक रूप हैं। मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा होती है। साल में एक बार तीनों की रथयात्रा निकलती है। रथयात्रा के दर्शन और भगवान का रथ खींचने के लिए पूरी दुनिया से भक्त पुरी आते…

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चंपारण्य CHAMPARANYA

चंपारण्य CHAMPARANYA

Travel Postcard चंपारण्य को चंपाझर भी कहा जाता था। छत्तीसगढ के इस छोटे से कस्बे का वैष्णव सम्प्रदाय में बडा महत्व है। वैष्णव सम्प्रदाय के वल्लभ मत के संस्थापक स्वामी वल्लभाचार्य का जन्म यहीं हुआ था। वल्लभ मत को पुष्टिमार्ग भी कहा जाता है। उनकी याद में यहां एक मंदिर बना है। वैसाख महीने के 11वें दिन स्वामी वल्लभाचार्य के जन्मदिन पर मंदिर में एक मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से भक्त आते हैं। इसके साथ ही यहां का चंपाकेश्वर…

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मेनपट Mainpat

मेनपट Mainpat

Travel Postcard मेनपट आम हिलस्टेशनों पर पर्यटकों की भीड-भाड से दूर, साफ हवा, साल के घने जंगल और झरनों का मजा लेना हो तो एक बार मेनपट जरूर जाइए। मेनपट को छत्तीसगढ में छोटा शिमला के नाम से भी जाना जाता है। 1100 मीटर की ऊंचाई पर छत्तीसगढ के सरगुजा जिले में एक ऊंचे पठार पर बसा है मेनपट। मेनपट की सबसे बडी खासियत है यहां तिब्बती बस्ती का होना। 1960 के आसपास भारत आए तिब्बती लोगों में से काफी…

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बस्तर Bastar

बस्तर Bastar

Travel Postcard छत्तीसगढ़ का आदिवासी बहुल जिला है बस्तर। घने जंगल, जानवर, पहाड़, नदियां, झरने, गुफाएं, प्राचीन मंदिर ,महल और आदिवासी संस्कृति, बस्तर में वह सब कुछ है जो अनछुई जगहों की तलाश में निकलने वाले को चाहिए। बस्तर में आदिवासी कला के विविध रूप देखने को मिलते हैं। यहां की पीतल और कांसे की ढलाई से बनी मूर्तियां बहुत प्रसिद्ध है । इस कला को डोकरा कहा जाता है। बस्तर का दशहरा उत्सव अनूठा है जो 75 दिनों तक…

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कुटुमसर गुफा Kutumsar cave

कुटुमसर गुफा Kutumsar cave

Travel Postcard कुटुमसर गुफा चूना पत्थर से बनी कुटुमसर गुफा को देखकर प्रकृति की शक्ति का अहसास होता है। ये गुफा जमीन से करीब 35 मीटर नीचे है। गुफा के नीचे जाने पर रोमांच का अनुभव होता है। पानी के लगातार कटाव से चूना पत्थर के पहाडों में इन गुफाओं का निर्माण हुआ। पानी के टपकने से गुफा में बहुत सी प्राकृतिक आकृतियां बनी दिखाई देती है। गुफा के अंदर बने पानी के तालाबों में एक विशेष तरह की मछली…

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चित्रकोट जलप्रपात Chitrakote Waterfall

चित्रकोट जलप्रपात Chitrakote Waterfall

Travel Postcard चित्रकोट जलप्रपात भारत में बहुत सी अनोखी चीजें छिपी हैं। उन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ का चित्रकोट जलप्रपात। इसे ‘भारत का नियाग्रा’ भी कहा जाता है। पूरे जोश के साथ गिरती इंद्रावती नदी इस जलप्रपात को बनाती है। घोडे के नाल की आकार का यह झरना करीब पौन किलोमीटर चौडा और 90 फुट ऊंचा है। बरसात के मौसम में वेग से गिरते पानी का रूप देखने लायक होता है। यह बस्तर इलाके का प्रमुख आकर्षण है। चित्रकोट…

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भोरमदेव मंदिर Bhoramdeo temple

भोरमदेव मंदिर Bhoramdeo temple

Travel Postcard भोरमदेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे ‘छत्तीसगढ का खजुराहो’ भी कहते हैं। पहाड़ियों और जंगलों से घिरा यह मंदिर प्राचीन वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। मंदिर की बाहरी दिवारों पर कामरत मूर्तियां बनी हैं। मंदिर को बारीक नक्काशी और मूर्तियों से सजाया गया है। कहा जाता है कि इस मंदिर को 10वीं सदी में नागवंशी राजा रामचंद्र ने बनवाया था। भोरमदेव मंदिर में उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर और खजुराहो मंदिरों की झलक दिखाई देती है।…

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सिरपुर Sirpur

सिरपुर Sirpur

Travel postcard छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 84 किलोमीटर दूर है ऐतिहासिक सिरपुर। यहां का सातवीं सदी में बना लक्ष्मण मंदिर प्रसिद्ध है। यह मंदिर ईंटों से बना है। मंदिर की दीवारों पर देवी, देवताओं की आकृतियां और जीवन से जुडी चीजें उकेरी गई हैं। सिरपुर बौद्ध धर्म का भी बड़ा केन्द्र था। यहां से बौद्ध विहार के अवशेष मिले हैं। ये विहार नालंदा से भी पुराना है। चीनी यात्री ह्वेनसांग भी सिरपुर आया था। महानदी के किनारे बसे…

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पावापुरी pawapuri

पावापुरी pawapuri

Travel Postcard 24वें जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी ने कार्तिक अमावस्या की रात को पावापुरी में ही निर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए जैन धर्म में पावापुरी का अहम स्थान है। महावीर स्वामी के अंतिम संस्कार की जगह पर खूबसूरत जलमंदिर का निर्माण किया गया। जलमंदिर एक जैन मंदिर है। पावापुरी, अपापुरी के नाम से भी प्रसिद्ध है क्योंकि यह जगह शुद्ध और पाप से मुक्त मानी गई है। महात्मा बुद्ध के भी पावापुरी आने का उल्लेख मिलता है। पावापुरी बिहार की…

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