Browsed by
Author: Dipanshu

दमदमा साहिब

दमदमा साहिब

दमदमा साहिब तख्त़ श्री दमदमा साहिब सिक्ख धर्म के पांच तख्‍त़ों में से एक है। भटिंडा के पास तलवंडी साबो में यह स्थित है। गुरू गोविंद सिंह ने मुक्तसर की लड़ाई के बाद यहां कुछ देर आराम किया था इसलिए इस जगह का नाम दमदमा पड़ा। गुरू गोविंद सिंह जी ने इसे सिक्ख शिक्षा के केन्द्र के रूप में विकसित किया और यहीं पर उन्होंने गुरू ग्रंथ साहिब को पूरा किया था। यहां गुरूद्वारे के दर्शन के साथ बुर्ज़ बाबा…

Read More Read More

गुरदासपुर

गुरदासपुर

गुरदासपुर रावी और सतलुज नदियों के बीच बसा है पंजाब का ऐतिहासिक और धार्मिक शहर गुरदासपुर। यहां पाकिस्तान की सीमा पर रावी नदी के किनारे डेरा बाबा नानक है । सिक्खों के प्रथम गुरू, गुरू नानक देव जी यहां रहे थे और उन्होंने उपदेश दिए थे। डेरा बाबा नानक में गुरूद्वारा दरबार साहिब बना है। कलानौर वह जगह है जहां मुगल बादशाह अकबर का राज्याभिषेक किया गया था। हरगोविन्दपुर कस्बे में गुरू की मस्जिद है जो सर्वधर्म सम्भाव की मिसाल…

Read More Read More

कपूरथला

कपूरथला

कपूरथला पंजाब के कपूरथला शहर को सुन्दर इमारतों, सड़कों और बगीचों के लिए जाना जाता है। जैसलमेर के राणा कपूर ने 11वीं शताब्दी में इस शहर की स्थापना की थी। 20वीं सदी की शुरूआत में महाराजा जगजीत के समय यहां बहुत सी इमारतों का निर्माण हुआ। इन इमारतों में फ्रेंच, भारतीय-इस्लामी और सिक्ख स्थापत्य का मेल दिखाई देता है। जगजीत पैलेस इस दौर की बेहतरीन इमारत है। मोरक्को की कुतबिया मस्जिद के आधार पर बनी मूरिश मस्जिद और पंज मंदिर…

Read More Read More

फिरोज़पुर

फिरोज़पुर

फिरोजपुर भारत-पाकिस्तान की सीमा पर सतलुज नदी के किनारे बसा है पंजाब का फिरोजपुर। यह सिक्ख इतिहास की अहम जगह है। फिरोजपुर के हुसैनीवाला में क्रांतिकारी भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू का अंतिम संस्कार किया गया था। उनकी याद में यहां शहीद स्मारक बनाया गया है। हुसैनीवाला में भारत-पाकिस्तान सीमा पर शाम के समय बीटिंग रिट्रीट समारोह देखा जा सकता है। यहीं दो अंग्लो-सिक्ख लड़ाईयां हुई थी । लड़ाई से जुड़े संग्रहालय में उससे जुड़ी जानकारी ली जा सकती है।फिरोजपुर का…

Read More Read More

पटियाला

पटियाला

पटियाला पंजाब की एक प्रमुख रियासत थी पटियाला। यह शहर कला और स्थापत्य का बढ़ावा देने के लिए जाना जाता था। यहां की इमारतों में भारतीय, इस्लामी और यूरोपीय शैली का मेल दिखाई देता है। किला मुबारक यहां का सबसे पुराने किला है। इसी के चारों तरफ पटियाला शहर का विकास हुआ। किला मुबारक के दरबार हॉल में एक संग्रहालय भी बना है जिसमें हथियारों का बेहतरीन संग्रह रखा गया है। यहां शीश महल में एक और संग्रहालय है जहां…

Read More Read More

अमृतसर

अमृतसर

अमृतसर सिक्ख धर्म का सबसे महत्वपूर्ण शहर है अमृतसर। सिक्ख धर्म में सबसे पवित्र जगह स्वर्ण मंदिर गुरूद्वारा अमृतसर में ही है। गुरू अर्जनदेव ने स्वर्ण मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था। स्वर्ण मंदिर के पास ही जलियावालां बाग में शहीद स्मारक के दर्शन किए जा सकते हैं। 16वीं सदी में बसाया गया अमृसतर एक समय बहुत बड़ी व्यापारिक मंडी हुआ करता था। जहां कश्मीर से लेकर अफगानिस्तान तक व्यापार किया जाता था। यहां के पुराने बाज़ारों में उस समय…

Read More Read More

आनंदपुर साहिब

आनंदपुर साहिब

आनंदपुर साहिब सिक्ख धर्म के प्रमुख स्थानों में से एक है आनंदपुर साहिब। सिक्ख धर्म के पांच प्रमुख गुरूद्वारों में से एक यहीं है। इसे श्री तख़्त केशगढ़ साहिब कहा जाता है। दसवें गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी ने सन् 1699 में बैसाखी के दिन यहीं खालसा की स्थापना की थी। यहां गुरू गोविंदसिंह जी से जुड़ी चीजें रखी गई हैं।आनंदपुर में मनाए जाने वाला होला-मोहल्ला का त्योहार बहुत प्रसिद्ध है। दुनिया भर से श्रद्धालु इस त्योहार में हिस्सा लेने…

Read More Read More

कोलकाता

कोलकाता

कोलकाता पश्चिम बंगाल की पहचान है कोलकाता। कोलकाता को सिटी ऑफ जॉय भी कहा जाता है। कोलिकाता, सुतानाती और गोविन्दपुरी इन तीन गांवों को मिलाकर जॉब चारनोक में 1690 में कोलकाता की नींव रखी थी। हुगली नदी के किनारे बसा कोलकाता आज भारत के सबसे बड़े महानगरों में से एक होने के साथ ही बंगाल की कला और संस्कृति की पहचान भी बन चुका है। औपनिवेशिक दौर की इमारतें, संग्रहालय, कला दीर्धाएं और बाजार यहां बहुत कुछ देखा जा सकता…

Read More Read More

अलीपुरद्वार

अलीपुरद्वार

अलीपुरद्वार पश्चिम बंगाल के खूबसूरत डुअर्स इलाके का बड़ा हिस्सा अलीपुरद्वार में ही आता है। भूटान, गंगटोक और दार्जिलिंग का रास्ता यहीं से होकर जाता है। चाय बागानों से घिरे इस इलाके में घने जंगल भी हैं। जैव विविधता से भरे इन जंगलों में घूमने का अलग ही मजा है। यहां बाघ, गैंड़ा और हाथी जैसे जानवरों को देखा जा सकता है। इसके अलावा तरह-तरह के पक्षी भी इन जंगलों में बहुत मिलते हैं। यहां जलदापारा वन्यजीव अभ्यारण्य और बुक्सा…

Read More Read More

नवद्वीप

नवद्वीप

नवद्वीप गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थान है पश्चिम बंगाल का नवद्वीप। भागीरथी नदी के किनारे बसा नवद्वीप भक्तिकाल के प्रमुख संत भगवान चैतन्य की जन्मस्थली है। चैतन्य ने कृष्ण भक्ति को लोकप्रिय बनाया। मध्यकाल में नवद्वीप ज्ञान और दर्शन का बहुत बड़ा केन्द्र था। यहां संस्कृत , न्याय और तर्क शास्त्र की शिक्षा दी जाती थी। यहां कई प्राचीन मंदिर देखे जा सकते हैं। नवद्वीप के पास मायापुर है जहां इस्कान का मुख्यालय है। नवद्वीप में होली के…

Read More Read More