टाटा के पास एयर इंडिया की कमान, क्या बदलेगा भारत के विमानन क्षेत्र का चेहरा
भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन ‘एयर इंडिया’ एक बार फिर से टाटा समूह के हाथों में पहुंच गई है। 27 जनवरी 2022 को यह एयरलाइन पूरी तरह से टाटा समूह के नियंत्रण में आ गई। लंबे समय से घाटे में चल रही एयरइंडिया को टाटा समूह ने 18000 करोड़ रुपये में खरीदा है।
एयर इंडिया ने एक तरह से अपनी घर वापसी की है, क्योंकि भारत में वर्ष 1932 में टाटा समूह ने ही भारत में हवाई सेवा की शुरूआत की थी। वर्ष 1953 सरकार ने एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण करके उसे अपने अधिकार में लिया था। सरकारी अधिकार में आने के बाद भी 1977 तक जे. आर. डी. टाटा ने ही एयर इंडिया के चेयरमैन के तौर पर काम किया और इस दौरान एयर इंडिया की गिनती दुनिया की सबसे बेहतरीन एयरलाइन्स में होती थी। लेकिन बाद में एयर इंडिया की स्थिति धीरे-धीरे खराब होती चली गई।
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टाटा के पास कितनी एयरलाइन
एयर इंडिया के टाटा समूह के पास आने से अब टाटा समूह के पास देश में कुल तीन एयरलाइन हो गई हैं। टाटा पहले ही सिंगापुर एयरलाइन के साथ मिलकर ‘विस्तारा’ नाम से फुल-सर्विस और मलेशिया की एयर एशिया के साथ मिलकर ‘एयर एशिया इंडिया’ नाम से लो कॉस्ट कैरियर एयर लाइन चला रही है।
अभी तक भारत में दो एयरलाइन्स – एयरइंडिया और विस्तारा ही फुल-सर्विस एयरलाइन के तौर पर काम कर रहीं थीं। अब दोनों फुल-सर्विस एयरलाइन टाटा समुह के पास जाने से इस क्षेत्र में टाटा के लिए फिलहाल कोई प्रतिस्पर्धा नहीं बची है। लेकिन आने वाले समय में नई एयरलाइन्स के आने से भारत के हवाई क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।
टाटा का सीधा मुकाबला इंडिगो से होगा जिसके पास भारत के उड्डयन क्षेत्र का 50% से ज्यादा हिस्सा है। यह भी देखना होगा कि एयरइंडिया और विस्तार अलग -अलग चलेंगी या जल्द ही इनका आपस में विलय होगा। एयरइंडिया की लो कॉस्ट करियर ‘एयरइंडिया एक्सप्रेस’ भी अब टाटा के नियंत्रण में आ गई है और जानकारों का मानना है कि उसका विलय एयर एशिया इंडिया के साथ हो सकता है।
वर्तमान में एयरइंडिया रोजाना करीब 20 करोड़ रुपये का घाटा उठा रही है ऐसे में एयरलाइन को पटरी पर टाटा के लिए चुनौती होगी, लेकिन एयर इंडिया के साथ ही टाटा को पूरी दुनिया के हवाई अड्डों तक अहम पहुंच हासिल हुई है।
भारत में आने वाली नई एयरलाइन्स
भारत में जल्द ही दो नई एयरलाइन्स अपनी सेवाएं शुरू करने जा रही हैं। इनमें से एक है आकास एयर। आकास एयर में भारत के जाने माने शेयर बाजार निवेशक राकेश झुंझुनवाला की अहम हिस्सेदारी है। यह एयरलाइन जून से अपनी सेवा शुरू कर सकती है। यह लो कॉस्ट कैरियर होगी।
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इसके साथ ही बंद हो चुकी जेट एयरवेज की दूसरी पारी भी गर्मियों तक शुरू होने की उम्मीद है। बंद होने से पहले जेट एयरवेज फुल-सर्विस और लॉ कॉस्ट दोनों ही सेक्टर में काम कर रही थी। ऐसा बताया जा रहा है कि जेट एयरवेज फुल-सर्विस एयरलाइन के तौर पर काम शुरू कर सकती है। ऐसा होने पर उसका सीधा मुकाबला टाटा समूह की एयरइंडिया और विस्तारा से होगा।
एयरइंडिया के टाटा समूह के पास जाने और जल्द ही दो नई एयरलाइन्स के शुरू होने से देश के विमानन क्षेत्र में दिलचस्प बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उम्मीद रखनी चाहिए कि विमान कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्धा से ग्राहकों को ने केवल किराये के मामले में फायदा पहुंचेगा बल्कि उनको मिलने वाली सेवा का स्तर भी बेहतर होगा।
Featured image courtesy twitter : @TataCompanies
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