बद्रीनाथ- स्वर्ग का एहसास
हरिद्वार से तीन सौ किलोमीटर दूर है बद्रीनाथ। बद्रीनाथ को चार धामों में से एक माना जाता है। आदि शंकराचार्य ने नौं वीं शताब्दी में इसकी स्थापना की थी।
मैं करीब पन्द्रह साल पहले यहां गया था। उस समय की याद तो आज भी है लेकिन इतनी नहीं कि आप सब को बता सकूँ। लेकिन ये तो आज भी याद है कि यहां पहुंच कर एसा लगा था कि जैसे मैं स्वर्ग में आ गया हूँ। बद्रीनाथ साढे तीन हजार मीटर से भी ज्यादा कि उँचाई पर है।
इसको भगवान विष्णु का स्थान माना जाता है । मेरे छोटे भाई ने कुछ महीने पहले बद्रीनाथ की यात्रा की थी। उसके कुछ फोटो आप के लिए जिससे आप भी यहां कि सुन्दरता को देख सकें।
One thought on “बद्रीनाथ- स्वर्ग का एहसास”
mai pichle sal badrinath dham gai thi .udhar pahuchte hi mughe laga ki mai swarg mai aagai hoo udhar ke khoobsurt pahado aur un par jami hui barf par jab surj ki kirde padti thi to mano aisa lagta tha ki mai swarg mai hoo. soobsurt badio, jangloo bahti nadio ko dekhkar bahut acha lagta tha. badrinath karib 3000 km. ki ucjai par hai.yai bagwan bisnu ka dam hai kahte hai ki idri se pandv swarg ko gaye the.