हरिद्वार- हरि की भूमि
हरिद्वार को हरि का द्वार कहा जाता है। हरिद्वार उत्तराखंड का सबसे पहला शहर है औऱ उत्तराखंड को सदियों से देव भूमि माना जाता है। इस देव भूमि मे जाने के रास्ते पर होने के कारण ही हरिद्वार नाम मिला।
हरिद्वार को धर्म की नगरी माना जाता है। सैकडों सालों से लोग मोक्ष की तलाश में इस पवित्र भूमि में आते रहे हैं। हरिद्वार का ये महत्व यहां बहने वाले गंगा नदी के कारण ही है। गंगा को हिन्दू धर्म में पापों को धोने वाली माना जाता है। पहाडों से उतर कर गंगा सबसे पहले हरिद्वार में ही आती है। मैं जब भी यहां आता हूं हमेशा ही एक शांति महसूस होती है।
शहर मे आते ही सबसे पहले गंगा दिखाई देती है। कल कल बहती इस नदी को देखते ही आपकी मन खुशी से भर जायेगा। बचपन से ही मैं यहां आता रहा हूँ। लेकिन कालेज में आने के बाद मेरा हरिद्वार आना बढ गया। क्योंकि मेरे दो दोस्त यहीं से हैं। अब तो जब तब हरिद्वार में आता रहता हूँ।
हरिद्वार में मेरी पसंदीदा जगह है हर की पौडी। ये गंगा के किनारे का घाट है। कहा जाता है कि हर की पौडी में पवित्र अमृत कलश की कुछ बूँदें गिरी थीं। वैसे तो गंगा में नहाने को ही मोक्ष देने वाला माना जाता है लेकिन कहा जाता है कि हर की पौडी में स्नान करने से जन्म जन्म के पाप धुल जाते हैं।
यहां गंगा के किनारे आप घंटों बैठे रह सकते हैं। पूरे भारत का दर्शन अगर एक ही जगह पर करना चाहते हैं तो बस हर की पौडी पर आ जाईये। भारत के हर कोने से आये लोग यहां दिखाई दे जायेंगें। गंगा मे पैर रखकर बैठने से ही जो सूकून मिलता है उसे बताया ही नहीं जा सकता।
उसके बाद आप देख सकते हैं हरिद्वार की सबसे अनोखी चीज जिसके लिए हर रोज हजारों की भीड हर की पौडी पर आती है। वो है हर शाम होने वाली मां गंगा की आरती। हर शाम हजारों दीपकों के साथ गंगा की आरती की जाती है। पानी में दिखाई देती दीयों की रोशनी हजारों टिमटिमाते तारों की तरह लगती है। इस आरती को देखने के लिए शाम होने से पहले ही पहुंचना होगा नहीं तो पैर रखने की जगह भी नहीं मिलेगी।
हर की पौडी के पीछे के पहाड पर बना है मनसा देवी का मंदिर। मंदिर तक जाने के लिए पैदल रास्ता है। लेकिन मंदिर जाने के लिए रोप वे भी है। मैं तो पहली बार रोप वे पर मनसा देवी मंदिर जाने के लिए ही बैठा था।
गंगा के दूसरे किनारे पर हैं चण्डी देवी मंदिर। नील पर्वत पर हैं ये मंदिर यहां तक जाने के लिए तीन किलोमीटर का पैदल रास्ता हैं। जंगल से घिरे रास्ते पर चलना अच्छा लगता है। अब इस मंदिर के लिए भी रोप वे बना दिया गया है। रोप वे के बाद बडी संख्या में लोग मंदिर में जाने लगे हैं। इसके अलावा हरिद्वार में बहुत सारे मंदिर और आश्रम हैं जिन्हे देखा जा सकता है।
जिनको जंगल और जानवर अच्छे लगते हैं वो लोग भी हरिद्वार आ सकते हैं। हरिद्वार में राजाजी नेशनल पार्क भी है। यहां वन विभाग से अनुमति लेकर घूमा जा सकता है। यहां जंगली हाथियों को आसानी से देखा जा सकता है।
कहां ठहरें-
हरिद्वार में रुकने के लिए मंहगे होटलों से लेकर धर्मशाला तक सभी कुछ हैं। इसलिए हर बजट के लिए यहां रुकने की सुविधा है। यहां बहुत से आश्रमों में भी रुका जा सकता है।
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