फतेहगढ़ साहिब
फतेहगढ़ साहिब
फतेहगढ़ साहिब शहर सिक्ख इतिहास में अहम जगह रखता है । सिक्खों के दसवें गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी के दो पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिंद के सूबेदार ने यहीं जिंदा दीवार में चुनवा दिया था । उनकी शहादत की याद में यहां गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब का निर्माण किया गया । गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब में कई ऐतिहासिक गुरूद्वारे हैं। फतेहगढ़ साहिब के पास ही है संघोल। संघोल एक सिंधु सभ्यता कालीन स्थल है। यहां के संग्रहालय में सिंधु सभ्यता और मध्यकाल की निशानियां देखी जा सकती हैं। फतेहगढ़ साहिब चंड़ीगढ़ से करीब 50 किलोमीटर दूर है।