बिनसर की सुबह

बिनसर की सुबह

बिनसर की सुबह सबसे हलचल भरी होती है। सूरज के उगने से पहले ही सभी लोग रिजोर्ट की छत पर दिखाई देते हैं। सभी लोग बिनसर से दिखाई देने वाले खास नजारे को देखने के लिए यहां जमा होते हैं।
ये नजारा है ये यहां से दिखाई देने वाली हिमालय की खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियां। दरअसल बिनसर से हिमालय की केदारनाथ, चौखंबा, त्रिशूल, नंदादेवी, नंदाकोट और पंचोली चोटियों की ३०० किलोमीटर लंबी रेंज दिखाई देती है। जो अपने आप मे अद्भुत है, और ये बिनसर का सबसे बडा आकर्षण भी हैं।
मैं भी सूरज के निकलने से पहले ही वहां जम चुका था। हर कोई ये अदांजा लगा रहा था कि ये बर्फीली चोटियां दिखाई देती हैं या नहीं, इनका दिखना बहुत कुछ उस दिन के मौसम पर निर्भर करता है। सुबह सूरज निकलते समय ही इन चोटियों को सबसे साफ देखा जा सकता है।
आखिरकार, सूरज ने आसमान में हल्की सी लालिमा फैलानी शुरु की और सब लोग धड़कते दिलों से इंतजार करने लगे। अचानक ही वो नजारा सबकी आंखों के सामने था जब सामने से हिमालय के बर्फ से आच्छादित पहाडों की लगभग ३०० किलोमाटर लंबी रेंज दिखाई देने लगी । हर कोई उस पल को अपनी आंखों में भर लेना चाहता था। सभी के कैमरे फटाफट फोटो खींच रहे थे। उस दिन किस्मत हमारे साथ थी कि अगले एक घंटे से भी ज्यादा देर तक वो दृश्य दिखाई देता रहा।
अब तक वहां आये सभी लोंगों से जान पहचान हो चुकी थी। चाय की चुस्कियों के बीच आपस में बहुत देर तक बातें होती रहीं। जून के महीने में जब दिल्ली जैसी जगहें लू के थपेडे झेल रही थीं, हम लोग स्वेटर पहनने के बाद भी कांप रहे थे। लेकिन वो सुबह की वो ठंड बडी ही सुहानी लग रही थी।
बिनसर एक वन्य जीव अभ्यारण्य है यहां पर तेंदुआ पाया जाता है। अगर किस्मत आपके साथ है तो आप इस जानवर को देख सकते हैं। इसके अलावा हिरण और चीतल तो आसानी से दिखाई दे जाते हैं। यहां २०० से भी ज्यादा तरह के पंक्षी पाये जाते हैं। इनमें मोनाल सबसे प्रसिद्ध है ये उत्तराखंड का राज्य पक्षी भी है। अब ये बहुत ही कम दिखाई देता है।

बिनसर से आप गाईड को साथ लेकर जंगल के सफ़र पर जा सकते हैं। अगर आप जंगल में रात बिताना चाहते हैं तो उसका इंतजाम भी यहां हो सकता है।
बिनसर आकर मैं इतना कह सकता हूं कि जंगल और प्रकृति को पसंद करने वालों के लिए ये जगह स्वर्ग से कम नहीं है।

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